CM योगी पर किया था विवादित पोस्ट, कोर्ट ने जमानत के लिए रखी ऐसी शर्त, सोशल मीडिया से टूटा नाता
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर किसी के खिलाफ विवादित पोस्ट करना आपको भारी पड़ सकता है। ऐसे ही एक शख्स ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विवादित पोस्ट लिखा जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि शख्स को इस मामले में अब जमानत मिल चुकी है लेकिन, कोर्ट ने बेल देने से पहले उसके सामने ऐसी शर्त रख दी कि अब वह दो साल तक सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रखी शर्त
दरअसल, सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य जनप्रतिनिधियों के खिलाफ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी अखिलानंद राव की जमानत याचिका पर सुनवाई की। जस्टिस सिद्धार्थ की खंडपीठ ने आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी है कि वह दो साल तक या कोर्ट का ट्रायल समाप्त होने तक सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करेगा।
आरोपी के ऊपर लगी है ये धाराएं
बता दें कि इस मामले में अखिलानंद के खिलाफ लिस थाना कोतवाली, जिला देवरिया में धारा 419, 420, 120B आईपीसी और 66D आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। अखिलानंद 12 मई से जेल में है और उसके वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि उसे झूठे केस में फंसाया गया है। जमानत देते समय न्यायाधीश ने आदेश दिया कि आवेदक सोशल मीडिया का उपयोग दो साल की अवधि के लिए या ट्रायल कोर्ट से पहले मुकदमे के समापन तक नहीं करेगा।
क्या है मामला?
इसके अलावा अदालत ने यह भी चेतावनी दी है कि आरोपी जांच या मुकदमे के दौरान गवाहों को डराकर अभियोजन पक्ष के सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा। बता दें कि अखिलानंद पर आरोप है कि उसने राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई जन प्रतिनिधियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। पुलिस ने अपनी एफआईआर में यह भी आरोप लगाया है कि अखिलानंद ने खुद के बारे में झूठी पहुंच-पहचान बताकर फायदा उठाने की भी कोशिश की।
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