अखिलेश का तंज- पहले माफी मांगी व्याकरण पर, अब शर्मिंदा हुए सांसद-विधायक के आचरण पर
नई दिल्ली। राफेल डील को लेकर जारी विवाद के बीच अब इससे जुड़ी फाइल चोरी का मामला भी तुल पकड़ लिया है। फाइल चोरी की घटना के बाद मोदी सरकार बैकफुट पर आ गई तो वहीं विरोधियों को निशाना साधने का एक मौका और मिल गया है। विपक्षी पार्टियां सुर में सुर मिलाकर सरकार पर हमला बोल रही है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी फाइल चोरी होने के मामले पर निशाना साधा है।
|
शर्मिंदा हुए भाजपा के सांसद-विधायक के जूते के आचरण पर
अखिलेश यादव ने कहा है कि 'अब सत्ताधारी कह रहे हैं कि राफेल की फाइल चोरी हो गयी, पहले माफी मांगी कोर्ट में व्याकरण पर फिर शर्मिंदा हुए भाजपा के सांसद-विधायक जी के जूते के आचरण पर। भाजपा का कार्यकर्ता अपने नेताओं से पूछ रहा है क्या यही मुद्दे लेकर जनता के बीच जाएंगे, जनता को भला हम क्या मुंह दिखाएंगे'। अखिलेश यादव ने राफेल पर मोदी सरकार ओर बीजेपी के सांसद और विधायक के बीच चले जूते को लेकर निशाना साधा है।
|
मायावती ने भी साधा निशाना
बता दें कि इससे पहले बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने अपने ट्विटर पर इसको लेकर कहा है कि- राफेल के पेपर ही रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए, आखिर ये कैसी चौकीदारी हो रही है। मायावती ने आगे कहा है कि 'केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट में अत्यन्त ही चैंकाने वाला रहस्योदघाटन किया कि राफेल विमान खरीद से सम्बंधित अहम व गुप्त दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गये हैं। सत्यानाश! मोदी सरकार द्वारा देश की यह कैसी चौकीदारी? क्या देशहित व देश की सुरक्षा वाकई मजबूत हांथों में है? सोचना पड़ेगा।'
बीजेपी ने फेसबुक को विज्ञापन देने के मामले में कांग्रेस सहित अन्य दलों को काफी पीछे छोड़ा
गुरुवार तक कोर्ट में हलफनामा सौंपने के लिए कहा है
बता दें कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राफेल डील से संबंधित अहम दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए। इस पर कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय से गुरुवार तक कोर्ट में हलफनामा सौंपने के लिए कहा है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 14 मार्च तय की गई है। जब याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने 'द हिंदू' में प्रकाशित एक आर्टिकल का हवाला दिया, तो अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इसका विरोध किया और कहा कि ये लेख चोरी किए गए दस्तावेजों पर आधारित है।