Padmavati Controversy: 'पद्मावती' पर हुआ सवाल तो अखिलेश यादव बोले, हम पड़ी लकड़ी नहीं उठाते
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य अखिलेश यादव ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में ऐसी बात कह दी कि ना सिर्फ पत्रकार हंस पड़े बल्कि एक बार खुद अखिलेश भी थोड़ा झिझक गए।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य अखिलेश यादव ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में ऐसी बात कह दी कि ना सिर्फ पत्रकार हंस पड़े बल्कि एक बार खुद अखिलेश भी थोड़ा झिझक गए। दरअसल अखिलेश यादव से देशभर में फिल्म पद्मावती को लेकर हो रहे विवाद पर सवाल किया गया था। इस पर अखिलेश ने कहा 'इस मुद्दे पर हमारी कोई राय नहीं है क्योंकि हम पड़ी लकड़ी नहीं उठाते हैं।' पद्मावती की रिलीज का देश के कई राजपूत संगठन विरोध कर रहे हैं। पद्मावती की रिलीज पर फंसा पेंच, सेंसर बोर्ड ने तकनीकी वजहों से लौटाई फिल्म
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती एक दिसंबर को रिलीज होनी है लेकिन फिल्म का काफी विरोध हो रहा है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी फिल्म से शान्ति व्यवस्था को खतरे की बात कहते हुए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिख फिल्म की रिलीज टालने की बात कही है। इससे पहले करनी सेना नाम का संगठन और भाजपा के कई नेता फिल्म रिलीज होने पर हिंसा की धमकी दे चुके हैं। राजस्थान में फिल्म का ट्रेलर दिखाने पर भी तोड़फोड़ हो चुकी है।
राजपूत संगठनों का आरोप है कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच रोमांस दिखाया गया है। हाल ही में फिल्म के ट्रेलर और कुछ गाने रिलीज होने के बाद विरोध बढ़ा है। रानी पद्मावती के किरदार को हिंदी कवि मालिक मोहम्मद जायसी ने पद्मावत में गढ़ा है। राजपूत संगठनो का कहना है कि पद्मावती राजपूतों की शान हैं। हालांकि ज्यादातर इतिहासकार इस नाम की किसी रानी के इतिहास में होने से इंकार करते हैं और इसे महज एक काल्पनिक चरित्र कहते है।