महाराष्ट्र में अजीत पवार से गलबहियां करने वाले फडणवीस कभी उन्हें भिजवाना चाहते थे जेल
महाराष्ट्र में अजीत पवार से गलबहियां करने वाले फडणवीस कभी उन्हें भिजवाना चाहते थे जेल!
बेंगलुरु। महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने के लिए फॉर्मूला भी तय हो गया था। लेकिन शनिवार सुबह सभी को चौंकाते हुए बीजेपी ने एनसीपी नेता अजित पवार के समर्थन से सरकार बना ली। जिसमें देवेंद्र फडणवीस दूसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। महाराष्ट्र के सियासी घमासान में यह अभी तक का सबसे बड़ी उलटफेर थी जिसने सबको चौका दिया।
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कहते हैं कि राजनीति में न किसी का कोई दोस्त होता है और न ही कोई दुश्मन। देवेन्द्र फडणवीस जिस एनसीपी नेता की बदौलत महाराष्ट्र में दोबारा भाजपा की सरकार और खुद सीएम बनने का सपना पूरा कर पाए हैं उसी को कभी वह जेल भिजवाने की बात करते थे। वह एनसीपी नेता हैं अजीत पवार जिन्होंने आज सुबह भाजपा के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाने का ऐलान के बाद उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
महाराष्ट्र में दोबारा बने सीएम देवेन्द्र फडणवीस अजीत पवार को जेल भिजवाने की बात एक चुनाव प्रचार के दौरान कही थी। दरअसल 2014 में बीजेपी नेता ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि अगर महाराष्ट्र में हमारी सरकार बनती है तो अजित पवार जेल में चक्की पेीसेंगे। चुनावी सभा को संबोधित करते हुए फडणवीस ने कहा कि सिंचाई घोटाले में अजित पवार ने क्या किया हैं, ये सबको पता है।अब हमारी सरकार आएगी तो वो जेल में जाएंगे। अजित पवार चक्की पीसिंग, पीसिंग एंड चक्की पीसिंग। गौरतलब हैं कि महाराट्र में रातों रात हुई फेरबदल के बाद फडणवीस के इसी बयान की क्लिपिंग वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
बता दें महाराष्ट्र की सियासत में शनिवार सुबह नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। एनसीपी नेता अजित पवार के समर्थन देने के बाद ही महाराष्ट्र में भाजपा की दोबारा सरकार बन पायी और देवेन्द्र फडणवीस का दोबारा महाराष्ट्र सीएम बनने का सपना पूरा हो पाया। जिसमें देवेंद्र फडणवीस दूसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जिस पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बयान दिया कि भाजपा में जाने का फैसला उनके भतीजे का व्यक्तिगत निर्णय है न कि पार्टी का।
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने शनिवार को तड़के 5.45 एएम पर राष्ट्रपति शासन हटाने का निर्णय लिया और सुबह 8 बजे राजभवन में देवेन्द्र फडणवीस का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। राजभवन में सुबह हुए इस शपथ ग्रहण समारोह के बारे में किसी को कान-कान खबर भी नही लगी। शनिवार सुबह क्या होने वाला है, इसकी ना मीडिया को भनक लगी ना ज्यादातर नेताओं को। वहीं अजित पवार ने एनसीपी के विधायकों का समर्थन होने की बात कही लेकिन पार्टी प्रमुख शरद पवार ने इसको पूरी तरह खारिज कर उनको पार्टी से निकालने तक की बात कह दी ।
गौरतलब हैं कि महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव परिणाम आए पूरे 30 दिन बीत चुके हैं। वहां किसी भी पार्टी के सरकार न बनाने की स्थिति में राज्यपाल की सिफारिश पर 11 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। इसके बाद भी सरकार बनाने के लिए एनसीपी, कांग्रेस, शिवसेना सरकार बनाने के लिए माथापच्ची कर रही थी।
लेकिन महाराष्ट्र में सराकार बनाने को लेकर सियासी घमासान के बीच शनिवार को एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखने को मिला जब देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के दौर पर शपथ ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई, जबकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता को एक 'खिचड़ी' नहीं बल्कि एक स्थायी सरकार चाहिए थी।
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