एम्स में #MeToo पर हुआ वर्कशॉप का आयोजन, लोगों ने बांटे अपने-अपने दर्द
पिछले महीने #MeToo कैंपेन के तहत सामने आई यौन उत्पीड़न की कहानियों ने समाज को हिलाकर रख दिया। समाज के अलग-अलग तबके से महिलाओं ने सामने आकर अपने साथ हुई यौन उत्पीड़न की घटनाओं को दुनिया के साथ शेयर किया था।
नई दिल्ली। पिछले महीने #MeToo कैंपेन के तहत सामने आई यौन उत्पीड़न की कहानियों ने समाज को हिलाकर रख दिया। समाज के अलग-अलग तबके से महिलाओं ने सामने आकर अपने साथ हुई यौन उत्पीड़न की घटनाओं को दुनिया के साथ शेयर किया था। हाल ही में एम्स में भी एक #MeToo वर्कशॉप का आयोजन कराया गया। सोमवार को रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने डॉक्टरों के लिए एक #MeToo वर्कशॉप का आयोजन किया, ताकि डॉक्टर्स सहजता से यौन उत्पीड़न की घटना को शेयर कर सकें।
आरडीए के अध्यक्ष हर्जीत भट्टी ने बताया कि इस वर्कशॉप के लिए पहले उनकी काफी आलोचना की गई, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने वर्कशॉप का आयोजन किया। भच्ची ने कहा, 'कोई भी जो समाज या वर्कप्लेस पर यौन उत्पीड़न का शिराप हुआ है, उसे सामने आकर अपनी कहानी शेयर करनी चाहिए ताकि आरोपी का पता चल सके। जूनियर्स का शोषण रिपोर्ट किया जाना चाहिए।'
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भट्टी ने बाकी लोगों के साथ अपना भी अनुभव शेयर किया। एनबीटी के अनुसार उन्होंने बताया कि जब वो स्कूल में थे तब उनका दोस्त एक लड़की के पीछे पड़ गया था। वो उसका बस स्टॉप पर पीछा करता और बस में चढ़कर उसे गलत तरीके से छूने की कोशिश करता था। भट्टी ने बताया कि जब उन्होंने स्कूल में शिक्षकों से इसकी शिकायत की तो उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया। इसकी बजाय ये बातें बनने लगीं कि भट्टी उस लड़की के पीछे हैं। उन्होंने बताया कि आज भी स्थिती ऐसी ही बनी हुई है।
इस वर्कशॉप में एक लड़की ने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि जिस टीचर से वो मैथ्स पढ़ने जाती थी, वो उसे जानबूझकर छूने की कोशिश करता था। लड़की इससे इतना डर गई थी कि वो अपने माता-पिता तक से ये बातें नहीं कह पाई थी। इस वर्कशॉप में एम्स में स्टूडेंट वेलनेस सेंटर के इंचार्ज और डिपार्टमेंट ऑफ साइकैट्री में प्रोफेसर प्रताप शरन और सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील करुणा नंदी भी शामिल हुई थीं।
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