'वैक्सीन की कितनी डोज, कौन करेगा भुगतान, किसे मिलेगा?' टीकाकरण के इन सारे सवालों का AIIMS चीफ ने दिया जवाब
'वैक्सीन की कितनी डोज,कौन करेगा भुगतान,किसे मिलेगा?'टीकाकरण के इन सारे सवालों का AIIMS चीफ ने दिया जवाब
Coronavirus Vaccine In India Update: कोरोना वैक्सीन को लेकर आज (2 जनवरी) से भारत के हर राज्य में ड्राई रन की शुरुआत हो गई है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन के डोज से लेकर भुगतान तक के सवाल आपके मन में होंगे। इस सारे सवालों का जवाब ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के प्रमुख (निदेशक) डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दिए हैं। न्यूज चैनल NDTV से बात करते हुए रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि अभी कोरोना वैक्सीन की लागत का वहन केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा। अब सवाल उठता है वैक्सीन सबसे पहले किसे-किसे दिया जाएगा? इसके जवाब में गुलेरिया ने कहा, देशभर में अभी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों की पहचान का काम चल रहा है, जिन्हें भी अभी प्राथमिकता वाली सूची में रखा गया है। उन्हें भी स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों के बाद कोविड-19 का वैक्सीन दिया जाएगा।
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वैक्सीन किसे दिया जाएगा?
डॉ. गुलेरिया ने कहा है कि फिलहाल पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जानी है। डॉ. गुलेरिया ने कहा, "मैं एक समिति की अध्यक्षता कर रहा हूं... हमने मानदंड विकसित किए हैं, चाहे वह मधुमेह रोगी हों, पुरानी गुर्दे की बीमारियां, पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियां हों और यह देखने के लिए कि हम कैसे कामरेडिटी वाले लोगों के बीच भी प्राथमिकता बना सकते हैं, इसपर काम चल रहा है, क्योंकि उन्हें भी कोविड-19 वैक्सीन दिया जाना है।''
डॉ. गुलेरिया ने कहा, "उदाहरण के तौर पर इसे ऐसे समझिए कि र ऐसे व्यक्ति जिसकी मधुमेह ( डायबिटीज) नियंत्रण में है और दूसरा ऐसा शख्स जो पिछले दस साल से इंसुलिन ले रहा है, ऐसे में ज्यादा गंभीर मधुमेह वाले व्यक्ति को दूसरे की तुलना में वैक्सीन देने की प्राथमिकता में ऊपर रखा जाएगा।''
वैक्सीन की कीमत और भुगतान?
डॉ. गुलेरिया ने वैक्सीन की कीमत और भुगतान के बारे में कहा, फिलहाल वर्तमान समय में वैक्सीन की लागत का वहन केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। हर व्यक्ति को खुराक की आवश्यकता पर उन्हें डोज दी जाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा बिल्कुल जरूरी नहीं है कि दो डोज के बीच 28 दिन का गैप है। असल में ब्रिटेन में पहली और दूसरी डोज के बीच 28 दिन से 12 हफ्तों का अंतराल है, इसलिए भारत में भी ये सवाल उठ रहे थे।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड COVID-19 वैक्सीन को सरकार के विशेषज्ञों के पैनल द्वारा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।