VIDEO: देखिए आप सांसद संजय सिंह को क्यों किया गया निलंबित?
नई दिल्ली। संसद के मानसूत्र सत्र के 8वें दिन सभापति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा में रविवार को कृषि विधेयक पर चर्चा के दौरान हंगामा करने वाले आठ सांसदों को निलंबित कर दिया है, जिसमें TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन, AAP सांसद संजय सिंह, राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैय्यद नजीर हुसैन और एलमरान करीम का नाम शामिल है, जिसके बाद विरोधी दल भड़क गए।
'किसानों के खिलाफ काला कानून कैसे पास किया गया'
उन्होंने राज्यसभा में हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद उपसभापति ने निलंबित सांसदों को सदन से बाहर जाने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए थे लेकिन सांसद मान नहीं रहे थे और लगातार हंगामा कर रहे थे, आप के सांसद संजय सिंह तो सदन के बाहर ही धरने पर बैठ गए,संजय सिंह का कहना है कि वो तब तक धरने पर बैठे रहेंगे, जब तक सरकार यह नहीं बताती कि कल बिना वोटिंग और बहुमत नहीं होने के बावजूद लोकतंत्र और संविधान की हत्या करके किसानों के खिलाफ काला कानून कैसे पास किया गया?
कल क्या हुआ था?
दरअसल किसान बिल के विरोध में रविवार को राज्यसभा में विपक्ष ने सभी हदें पार कर दीं थी, उसने पहले सभापति के सदन का समय बढ़ाने पर हंगामा शुरू किया, विपक्षी सदस्य वेल में हंगामा करने लगे। इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का जवाब पूरा होने के बाद जब बिल पास करने की प्रक्रिया शुरू हुई तो विपक्षी मत विभाजन की मांग करने लगे, इसके लिए उपसभापति हरिवंश तैयार नहीं हुए तो तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सदन की रूलबुक फाड़ दी और उपसभापति का माइक तोड़ने की कोशिश की तो वहीं आप नेता संजय सिंह अपने डेस्क पर खड़े होकर सरकार के विरोध में नारेबाजी करने लगे जिसके बाद इन्हें बाहर निकालने के लिए मार्शल बुलाने पड़े तो संजय सिंह मार्शल के साथ झगड़ने लगे और उसकी गर्दन और हाथ को पकड़ लिया।
संजय सिंह ने शेयर किया Video
जबकि संजय सिंह ने बीजेपी के सारे आरोपों को खारिज करते हुए एक वीडियो ट्विवटर पर शेयर किया. जिसमें उन्होंने लिखा है कि मोदी सरकार ने किसान भाइयों के "मौत के फ़रमान" पर आज हस्ताक्षर किया है @AamAadmiParty ने जमकर विरोध किया लेकिन मोदी सरकार ने लोकतंत्र गला घोंटकर बिना वोटिंग के सदन में ये 'काला कानून' पास कर लिया, लड़ाई जारी रहेगी। देश के करोड़ों किसानो के ख़िलाफ़ आज एक काला बिल जबरन संसद में पास कर दिया गया लेकिन देश का तथाकथित राष्ट्रीय मीडिया पूरी तरह गजनी मोड में है।
सभापति नायडू ने कहा-राज्यसभा के लिए सबसे खराब दिन
जबकि आज रविवार की घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि कल राज्यसभा के लिए सबसे खराब दिन था, कुछ सांसदों ने पेपर को फेंका, माइक को तोड़ दिया, रूल बुक को फेंका गया, इस घटना से मैं बेहद दुखी हूं, उपसभापति को धमकी दी गई, उनपर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई और मर्यादा की सारी हदें पार कर दी गईं, सभापति ने कहा उपसभापति के खिलाफ विपक्षी सांसदों की तरफ से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव नियमों के हिसाब से सही नहीं है।
'राज्यसभा में जो कुछ भी हुआ वह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण'
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कल की घटना पर कहा कि राज्यसभा में जो कुछ भी हुआ वह दुखद, शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण था, राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्यसभा में कृषि से संबंधित दो विधेयकों पर चर्चा चल रही थी उस समय राज्यसभा में जो हुआ वो जहां दुखद था, वहीं दुर्भाग्यपूर्ण भी था और उससे भी आगे जाकर मैं कहना चाहूंगा कि वो अत्यधिक शर्मनाक था।
मार्शल के साथ अभद्रता करना बेहद शर्मनाक
तो वहीं स्वास्थ्यमंत्री ने भी राज्यसभा पर हुए हंगामे को शर्मनाक बताते हुए ट्वीट किया था कि आज #RajyaSabha में @AamAadmiParty सांसद श्री @SanjayAzadSln जी का मार्शल के साथ अभद्रता करना संसद की पवित्रता व गरिमा का अपमान है। मैं सभी सम्मानित सांसदों से अपील करता हूं कि वे संसद की उस गरिमा और प्रतिष्ठा को बनाए रखें जो हमें विरासत में मिली है।
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