राम मंदिर मुद्दे पर आरएसएस ने पीएम नरेंद्र मोदी को याद दिलाया वादा
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से इस साल के अपने पहले साक्षात्कार मे साफ किया है कि राम मंदिर मुद्दे पर सरकार कोर्ट का फैसला आने का इंतजार करेगी, उसके बाद आरएसएस ने पीएम को 1989 का प्रस्ताव याद दिलाया है। आरएसएस ने पीएम को अयोध्या मसले पर 1989 में पालमपुर प्रस्ताव याद दिलाते हुए 2014 में भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र को भी याद दिलाया है। आरएसएस के वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी ने एक बार फिर से दोहराया है कि हमने इस मसले पर कानून बनाने की अपननी मांग को आगे बढ़ाया है, देश का हर नागरिक राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं। यहां तक कि जो आज सत्ता में हैं उन्ंहोंने भी कहा था कि राम मंदिर बनना चाहिए।
आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को सकारात्मक बतात हुए उन्हें अपनी ही पार्टी के प्रस्ताव को याद दिलाया, जिसमे भाजपा ने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण बातचीत या कानूनी प्रक्रिया से होगा। होसबोले ने ट्वीट करके कहा कि राम मंदिर मुद्दे पर पीएम का बयान राम मंदिर को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को दिखाता है, साथ ही 1989 के पालमपुर प्रस्ताव को भी परिलक्षित करता है जिसमे कहा गया था कि पार्टी कोशिश करेगी कि राम मंदिर का निर्माण बातचीत या कानूनी प्रक्रिया से किया जाएगा। यही रुख 2014 के घोषणा पत्र में भी दोहराया गया है। उन्हो्ंने कहा कि देश के लोगों को उम्मीद है कि इस वायदे को पूरा किया जाएगा।
वहीं विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि संगठन के शीर्ष पदाधिकारी बुधवार को मुलाकात करेंगे और इसके बाद वह दोपहर में प्रेस कॉफ्रेंस करेंगे। उन्होंने कहा कि हर किसी से उसकी राय लेने के बाद हम अपना जवाब देंगे। गौर करने वाली बात है कि आरएसएस, वीएचपी और तमाम हिंदू संगठन राम मंदिर मुद्दे को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं और मंदिर निर्माण की मांग कर रहे हैं।