1990 में राजीव गांधी के बाद आज राहुल पहुंचे अयोध्या, दूर रहे राम जन्मभूमि से
अयोध्या। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी यूपी में किसान मार्च के अपने पांचवें दिन अयोध्या पहुंचे और इस दौरान उन्होंने यहां हनुमानगढ़ी मंदिर पहुंच भगवान के दर्शन किए और महंत ग्यानदास से आशीर्वाद लिया।
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बाबरी विध्वंश के बाद कोई नीं गया अयोध्या
बाबरी विध्वंश के 24 साल बाद अयोध्या पहुंचने वाले वह नेहरू-गांधी परिवार के पहले सदस्य भी हैं। बाबरी विध्वंश के बाद कोई भी नेहरू या गांधी परिवार से अयोध्या कभी नहीं आया, ऐसे में राहुल गांधी का यहां आना काफी अहम माना जा रहा है।
1990 में राजीव गांधी गए थे अयोध्या
राहुल गांधी से पहले 1990 में उनके पिता राजीव गांधी यहां आए थे। लेकिन उसके बाद से कोई भी गांधी परिवार का सदस्य यां नहीं आया। हालांकि कुछ नेता अयोध्या के करीब तो पहुंचे लेकिन अयोध्या से उन्होंने दूरी बनाए रखी।
सोनिया पहुंची थी करीब, पर अयोध्या दूर रही
2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने फैजाबाद में चुनावी सभा को संबोधित किया, जिस जगह उन्होंने इस रैली को संबोधित किया था वह अयोध्या से महज 7 किलोमीटर दूर था।
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वरुण गांधी भी यहां आने से कतराते हैं
इससे पहले भाजपा नेता वरुण गांधी जोकि सुल्तानपुर से सांसद है को कई बार भाजपा की रैलियों में शामिल होने के लिए कहा गया लेकिन वह यहां कभी शामिल नहीं हुए। हर बार वह यहां आने से कतराते रहे। लेकिन 27 साल बाद राहुल गांधी ने अयोध्या पहुंचकर सियासी हलचल को बढ़ा दिया है।
अयोध्या में राहुल के जाने के सियासी मायने
अयोध्या पहुंचकर राहुल गांधी ने एक तरफ जहां सियासी हलचल को बढ़ाया तो दूसरी तरफ उन्होंने विवाित स्थल से तकरीबन एक किलोमीटर की दूरी बनाए रखी। सियासी विश्लेषकों की मानें तो उन्होंने यह एक सांकेतिक कदम है।
राहुल इस बात को बखूबी समझते हैं कि अगर वह राम जन्म भूमि जाते तो मुस्लिम वर्ग उनसे दूर हो सकता था। ऐसे में वह किसी भी तरह का जोखिम लेने से बचना चाहते थे।