अपनी पहली स्पीच में बोलीं सुमलता अंबरीश, केंद्र अन्नदाता बचाए
नई दिल्ली। अभिनेत्री से नेता बनीं सुमलता अंबरीश ने गुरुवार को लोकसभा में अपना पहला भाषण दिया। जिसमें उन्होंने निवेदन किया कि, केंद्र सरकार को अन्नदाता' (किसानों) को बचाना होगा। उन्होंने शून्यकाल के दौरान किसानों की आत्महत्या के मुद्दे को उठाया और केंद्र और राज्य सरकार से किसानों के हितों की रक्षा के लिए मौजूदा कानूनों को मजबूत करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। सुमलता ने मांड्या में जल संकट और सूखे की स्थिति के मुद्दों को भी उठाया।
सुमलता ने कहा कि, मेरा क्षेत्र पहले से ही बड़े जल संकट और आसन्न सूखे की स्थिति से गुजर रहा है। यह किसानों के लिए एक बहुत ही धूमिल परिदृश्य प्रस्तुत करता है, खासकर उन गन्ना और धान उत्पादकों के लिए। बता दें कि, हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में सुमलता ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के बेटे निखिल के खिलाफ भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उल्लेखनीय जीत हासिल की थी।
उन्होंने प्रधानमंत्री और जल शक्ति मंत्रालय से अपील की कि वे किसानों के मुद्दे को 'आपातकालीन पैमाने' पर समझें और उन्हें राहत प्रदान करने के लिए तत्काल कदम उठाएं। उन्होंने अपील की सरकार को मवेशियों के लिए चारे की कमी को भी देखना होगा। मुझे डर है कि हमारे पास हताश किसानों की आत्महत्या के लिए तैयार फार्मूला है। हमें इन मुद्दों को तुरंत हल करने की आवश्यकता है।
समुलता ने कहा कि, मैं प्रधानमंत्री, जल शक्ति मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों से अपील करती हूं कि, वे किसानों को तत्काल राहत उत्पाद पहुंचाने के लिए आपत कदम उठाएं। जय जवान और जय किशन के नारे लगाते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को 'अन्नदास' को बचाना होगा।
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