ISIS रिक्रूटर शफी हर किसी को बनाना चाहता है अल-हिंदी
बेंगलुरु। 22 जनवरी को जिन 14 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें एक नाम है शफी आमिर, ओह नहीं!... मोहम्मद अट्टा... ओह सॉरी!... समीर खान... ओह ये भी नहीं.... तो भई इसके कितने नाम हैं? जी हां इसी सवाल का जवाब खुफिया विभाग के अधिकारी तलाश रहे हैं, क्योंकि शफी आमिर के कई अवतार हैं, जो उसने आतंकी साजिशों को रचते वक्त धरे।
एनआईए के अधिकारी के अनुसार शफी अहमद 2013 में मोहम्मद अट्टा था, 2014 में वह समीर खान बन गया, 2015 में अबु अल-हिंदी और इस वक्त अपनी पहचान मोहम्मद यूसुफ बताता है। असल में भटकल का रहने वाला ये शफी हाल ही में दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस के संपर्क में आया और उसे भारत में रिक्रूटमेंट करने की जिम्मेदारी मिली। जी हां आतंकियों के रिक्रूटमेंट की।
देखें- कौन है ISIS की इंडिया विंग का कमांडर?
बताया जाता है कि शफी अमर संगठन- अंसार-उल-तव्हीद का प्रमुख है। शफी उसी सुलतान अरमार का भाई है, जिसने इंयिन मुजाहिदीन से अलग होकर अपना खुद का संगठन अंसार-उल-तव्हीद बनाया। यह संगठन असल में आईएसआईएस में भारतीयों की भर्ती करता है। मोहम्मद अट्टा से जुड़ी चौंकाने वाली बातें स्लाइडर में।
राजस्थान में अट्टा
2013 में मोहम्मद अट्टा बनकर यही शफी राजस्थान पहुंचा और वहां के भोले-भाले मुसलमानों को बहला-फुसला कर जेहाद का पाठ पढ़ाकर आईएस से जोड़ने के प्रयास किये।
हैदराबाद में बना समीर
समीर खान बनकर हैदराबाद पहुंचा ओर वहां उसने कई युवाओं को अपने साथ जोड़ा।
क्या है अल-हिंदी?
जो कोई भी इस संगठन के माध्यम से आईएसआईएस से जुड़ता है, वह अपने नाम के आगे अल-हिंदी लगाता है।
सबसे ऐक्टिव
आईएसआईएस के लिये आतंकियों की भर्ती करने वालों में शफी सबसे ऐक्टिव माना जाता है।
कई वेबसाइटें चलाता है
शफी कई सारी वेबसाइट चलाता है, जिनके सोशलमीडिया हैंडल के जरिये ये लोगों के संपर्क में आता और फिर उन्हें अपने संगठन से जुड़ने के लिये प्रेरित करता।
सीरिया जाने का खर्च
एनआईए के अनुसार शफी भारतीय युवाओं को सीरिया जाने के लिये पूरा खर्च देता था।