शिकायत करने के लिए मोदी सरकार जवानों को खुद देगी हथियार
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) ने ड्यूटी पर बैन किया मोबाइल फोन। केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल (सीएपीएफ) जवानों की शिकायतों के लिए एप तैयार करने की योजना।
नई दिल्ली। ऐसे समय में जब आए दिन सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करके अर्धसैनिक बल और सेना के जवान व्यवस्था को लेकर शिकायत कर रहे हैं केंद्र सरकार ने एक एप तैयार करने की योजना बनाई है। यह एप दरअसल अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए एक हथियार की तरह हो सकती है जिसका प्रयोग करके वह अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। वहीं बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) ने ड्यूटी पर मोबाइल फोन बैन कर दिया है।
एप पर दर्ज होगी शिकायत
पिछले दिनों बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव का एक वीडियो फेसबुक पर वायरल हो गया था। इस वीडियो में वह खराब खाने की शिकायत करते हुए नजर आ रहे थे। इस वीडियो के बाद सरकार अब एक नए तरीके पर विचार कर रही है। अधिकारियों की मानें तो यूनियन होम सेक्रेटरी राजीव महर्षि इस बात को लेकर परामर्श ले रहे हैं कि क्या 7.2 लाख केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल (सीएपीएफ) कॉन्सटेबल्स के लिए कोई एप तैयार की जानी चाहिए? तेज बहादुर का वीडियो आने के बाद सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों का वीडियो भी आया था। इस प्रोजेक्ट को नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) की ओर से आगे बढ़ाया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक यह एप जवानों के प्रयोग के लिए तैयार की जाएगी।
लेकिन मोबाइल फोन होगा बैन
वहीं बीएसएफ की ओर से फील्ड पर तैनात सभी कंपनी कमांडर्स को नोटिस भेज कर कॉन्सटेबल्स के ड्यूटी पर मोबाइल फोन को बैन करने का आदेश दिया गया है। तेज बहादुर का वीडियो आने के बाद बीएसएफ की ओर से कहा गया कि ड्यूटी पर मोबाइल फोन ले जाना पहले से ही प्रतिबंधित है लेकिन अब इस नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा। बीएसएफ सूत्रों का कहना है कि मोबाइल फोन को बैन करने का फैसला इसलिए लिया गया है ताकि आने वाले समय में शर्मनाक स्थिति से बचा जा सके।
बैन का नियम बन सकता है रुकावट
मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से साफ किया गया है कि अगर अर्धसैनिक बल इस नियम को सख्ती से लागू किया जाता है तो फिर जवान ड्यूटी के बाद अपनी शिकायतों को एप के जरिए दर्ज कराना होगा। गृह मंत्रालय के अधिकारी की ओर से कहा गया है, 'यह हालांकि एक रुकावट साबित हो सकता है क्योंकि फिर जवान फोटोग्राफ नहीं ले पाएंगे और न ही कोई रिकॉर्डिंग हो पाएगी। उन्हें अथॉरिटीज के सामने अपनी शिकायतों को साबित करने के लिए कोई सुबूत भी देना होगा।'
एप के लिए तीन माह का समय
इस एप में दूसरे सिक्योरिटी फीचर्स भी होंगे जो किसी जवान की गोपनीयता को बरकरार रखेंगे। ऐसी खबरें हैं कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए तीन माह की समय सीमा तय की गई है। इस एप के जरिए सभी जवानों का नंबर एक साथ करने की प्रक्रिया जारी है। इस प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक इस एप में फिल्टर्स होंगे ताकि शिकायतों की पड़ताल करने के बाद मंत्रालय की ओर से संबधित अधिकारियों को शिकायतों को दूर करने के लिए दिशा-निर्देश दिए जा सकें।