विधायकों की शिफ्टिंग शुरू: NCP के 9 बागी विधायक प्राइवेट जेट से दिल्ली के लिए उड़ाए गए
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शनिवार को हुए सियासी उटलफेर के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने 9 बागी विधायकों को दिल्ली के लिए रवाना कर दिया है। भतीजे अजित पवार के बीजेपी से गठबंधन के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार को अब अपने विधायकों के दल बदलने का डर सताने लगा है। इसी सिलसिले में पार्टी प्रमुख शरद पवार ने अपने 9 बागी विधायकों को दिल्ली के सेफ हाउस के लिए रवाना कर दिया है। प्राइवेट जेट से एनसपी के बागी विधायकों को दिल्ली रवाना किया गया है।
ये हैं विधायकों के नाम जिन्हें दिल्ली शिफ्ट किया गया है...
- दौलत दरोडा
- नरहरि जिरवार
- सुनील भुसारा
- दिलीप बांकर
- अनिल भाईदास पाटिल
- नितिन पवार
- सुनील शेल्के
- बाबासाहेब पाटिल
- संजय बनसोन
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एनसीपी के बागी विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और अब उन्हें दिल्ली रवाना किया गया है। सभी विधायकों को मुंबई एयरपोर्ट से चार्टर प्लेन में दिल्ली के लिए भेजा गया है। एयरपोर्ट के गेट नंबर 8 से विधायकों को अंदर ले जाया गया इस दौरान वहां बड़ी संख्या में एनसीपी के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। बता दें कि गेट नंबर 8 सिर्फ वीआईपी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कार्यकर्ताओं की संख्या और सुरक्षा के मद्देनजर मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसबल भी मौजूद रहा।
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41
साल
पहले
शरद
पवार
ने
भी
दिया
था
ऐसा
ही
झटका
भतीजे
अजित
पवार
ने
जो
शनिवार
को
जो
किया
कुछ
ऐसा
ही
एनसीपी
प्रमुख
शरद
पवार
ने
भी
41
साल
पहले
किया
था।
एनसीपी
चीफ
शरद
गोविंदराव
पवार
वर्ष
1978
में
कांग्रेस
(यू)
की
बंसत
दादा
पाटिल
की
सरकार
में
उद्योग
मंत्री
थे।
तत्कालीन
मुख्यमंत्री
बसंत
दादा
पाटिल
मंत्रिमंडल
में
शामिल
38
वर्षीय
युवा
उद्योग
मंत्री
शरद
पवार
ने
बंसत
दादा
पाटिल
के
साथ
विश्वासघात
किया
और
कांग्रेस
यू
के
17
विधायकों
तोड़
लिया
था,
जिससे
उनकी
सरकार
अल्पमत
में
आ
गई।
शरद
पवार
ने
गुरू
यशवंत
राव
चाह्वाण
उन
दिनों
विपक्ष
में
थे
और
उस
दौर
की
केंद्र
में
सत्तासीन
जनता
पार्टी
के
समर्थन
से
शरद
पवार
महाराष्ट्र
के
मुख्यमंत्री
बन
गए
थे।