यूपी, ओडिशा, असम सहित देशभर के 8000 जवानों को एयरलिफ्ट करके कश्मीर घाटी भेजा जा रहा है
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए के खत्म होने के बाद देश केअलग-अलग राज्यों से पैरामिलिट्री ट्रूप्स के 8000 जवानों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। इन तमाम जवानों को उत्तर प्रदेश, ओडिशा, असम और अन्य राज्यों से एयरलिफ्ट करके कश्मीर घाटी में भेजा जा रहा है। तमाम जवानों को एयरलिफ्ट करके घाटी में भेजने का सिलसिला काफी तेजी से चल रहा है। दरअसल गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म करने की घोषणा की, जिसके बाद घाटी में किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए जवानों को एयरलिफ्ट करके घाटी में पहुंचाया जा रहा है।
सेना प्रमुख का दौरा रद्द
वहीं दूसरी तरह सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत का भी जैसलमेर दौरा रद्द कर दिया गया है और अब वह दिल्ली में ही रहेंगे। जनरल रावत आर्मी स्काउट मास्टर्स कंपटीशन के पांचवे एडिशन में शिरकत करने के लिए जैसलमेर जाने वाले थे, लेकिन जम्मू कश्मीर में उठापटक के बीच उनके इस दौरे को खत्म कर दिया गया है। बता दें कि इस कार्यक्रम में भारतीय सेना के अलावा अरमेनिया, बेलारूस, चीन, कजाकिस्तान, रूस, उजबेकिस्तान और सूडान की सेनाएं भी शिरकत करने वाली थीं।
भारी सुरक्षा के इंतजाम
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अर्धसैनिक बलों की करीब 1000 कंपनियां तैनात की गई है। अर्धसैनिक बलों के करीब 100000 जवानों को घाटी के चप्पे-चप्पे में तैनात किया गया है। दो दिन पहले 80 और अर्धसैनिक बलों की कंपनियों को घाटी में भेजा गया है। केंद्र सरकार ने घाटी में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। धारा 144 लगा दी गई है। रविवार देर रात ही घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद सरकार ने मॉक ड्रिल चलाने का भी निर्देश दिया है।
370, 35ए रद्द
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश कर दिया। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को भी केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा मिल गया है। इतना ही नहीं लद्दाख भी जम्मू-कश्मीर से अलग होकर केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज दिया जाए, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें।
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