आर्मी अस्पताल से दवा चुराकर बेचने वाले जवानों को जेल, सेवा से भी किया गया बर्खास्त
नई दिल्ली, 30 जुलाई: भारतीय सेना के कुछ जवान आर्मी अस्पताल से दवाएं चुराकर उसे खुले मार्केट में बेचते थे, जिस पर सैन्य अदालत ने 7 सैनिकों को जेल की सजा सुनाई है। इसके अलावा उनकी सेवाएं भी बर्खास्त कर दी गईं। वैसे ये अपराध राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुआ, लेकिन जवानों के खिलाफ सुनवाई मेरठ छावनी में स्थित सैन्य अदालत कर रही थी।
ये पूरा मामला 2017 का है। उस वक्त दिल्ली के भगीरथ प्लेस मार्केट में स्थित एक मेडिकल शॉप पर ड्रग इंस्पेक्टर और सिविलियन पुलिस के जवानों ने छापेमारी की थी। दिल्ली में ही सेना का सबसे बड़ा रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल भी है। छापेमारी के दौरान वहां 27 दवाएं ऐसी मिलीं, जो सेना के अस्पताल की थीं और उस पर साफतौर पर लिखा था कि "ये बिक्री के लिए नहीं हैं"।
सेना के सूत्रों के मुताबिक दवाओं के दुरुपयोग और उन्हें खुले मार्केट में बेचने का आरोप 10 जवानों पर लगा था, जिसमें से 7 को सजा मिली है। इस मामले में 3 आरोपियों को 15 जुलाई को बरी कर दिया गया। सूत्रों ने कहा कि इस मामले में सजा पाने वाले छह कर्मियों को सेवा से बर्खास्त करने से लेकर दो साल से लेकर छह साल तक की जेल की सजा दी गई है।
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वहीं आरोपी जवानों के वकील एडवोकेट आनंद कुमार ने बताया कि कोर्ट ने जवानों पर लगे कुछ आरोपों से बरी कर दिया है। इसके अलावा सुनवाई के दौरान सैन्य अस्पताल से बहीखाता नहीं लिया गया। वकील का दावा है कि कोर्ट में कई महत्वपूर्ण गवाहों को नहीं बुलाया गया। ऐसे में वो कानून प्रक्रियाओं का पालन करते हुए सैन्य अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।