सावन का चौथा सोमवार आज, बम-बम भोले के जयघोष से गूंजे शिवालय
वाराणसी। आज पवित्र सावन महीने का चौथा सोमवार है, भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए इस समय श्रद्दालुओं की की भारी भीड़ मंदिरों के सामने एकत्र है। दिल्ली, वाराणसी, बिहार, झारखंड, एमपी हर जगह लोग भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए लंबी कतारों में दिखाई दे रहे हैं।
इस बार रक्षा बंधन पर लग रहा है चंद्रग्रहण, कुंवारे भाई हो जाए सावधान
वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मेरठ सहित कई शहरों में सुबह से ही लोग शिव मंदिरों के बाहर लम्बी भीड़ देखी जा सकती है। मंदिरों में भजन-कीर्तन और पूजा-अर्चना भी शुरू हो गई है। इस मौके पर आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या के मद्देनजर मंदिरों में व्यापक तैयारियां की गई हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पुलिस के अनुसार, सावन में मंदिरों में उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कि गए हैं। बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर, इलाहाबाद में मन कामेश्वर मंदिर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई हैं। पश्चिमी उप्र के कुछ संवदेनशील जिलों में पीएसी की कम्पनियां तैनात हैं।
बेलपत्र से पूजा
आपको पता है कि विश्व के सभी देवी देवताओं में महादेव ही एक ऐसे हैं जिनके ऊपर बेलपत्र चढ़ाया जाता है, खासकर के सावन के महीने में खास तौर पर से बेलपत्र से भोलेनाथ की पूजा की जाती है।
महादेव को किस तरह प्रसन्न करें
पौराणिक कथा के अनुसार जब विश्व के 89 हजार ऋषि मुनियों ने परमपिता ब्रह्मा से यह पुछा कि आखिरकार महादेव को किस तरह प्रसन्न किया जा सकता है।
एक हजार नीलकमल के बराबर एक बेलपत्र
तब ब्रह्मदेव ने ऋषियों से कहा था कि भोलेनाथ 100 कमल चढ़ाने से जितने प्रसन्न होते हैं उतना ही प्रसन्न एक नील कमल चढ़ाने से होते हैं। और एक हजार नीलकमल के बराबर एक बेलपत्र होता है। तभी से सभी लोग महादेव पर बेलपत्र चढ़ाते आ रहे हैं।
जीवन की सारी बाधाएं दूर
कहा जाता है कि सावन में शिव की पूजा करने से जीवन की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं, पति-पत्नी के बीच प्रेम पनपता है और इस व्रत को करने वालों को जीवन के किसी भी क्षेत्र में बाधा नहीं आती क्योंकि बम-बम बोले हर वक्त अपने भक्त की रक्षा करते हैं।