ट्रेनों में बुकिंग शुरू होते ही बिक गए 4,00,000 से ज्यादा टिकट, कल से 1.7 लाख CCS काउंटर पर भी बुकिंग
नई दिल्ली- रेलवे ने 1 जून से देशभर में 100 जोड़ी और ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। इस वक्त देश भर मे जहां-तहां फंसे लोगों को निकलने की इतनी बेचैनी है कि आज आईआरसीटी पर रिजर्वेशन शुरू होने के चंद घंटों के अंदर ही लाखों टिकट बिक गए। इस बीच रेलमंत्री पीयूष गोयल ने घोषणा की है कि आने वाले दिनों में कुछ और ट्रेनें चलाई जाएंगी और यही नहीं जल्द ही रेलवे स्टेशनों के टिकट काउंटर पर भी बुकिंग शुरू हो जाएगी। देशभर के करोड़ों रेल यात्रियों के लिए यह बहुत ही सुखद खबर है।
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कुछ घंटों में बिक 4 लाख से ज्यादा रेलवे टिकट
आज सुबह 10 बजे से जैसे ही आईआरसीटीसी की वेबसाइट और ऐप के जरिए 1 जून से शुरू हो रही 200 जोड़ी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए बुकिंग शुरू हुई लाखों टिकट बिक गए। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया है कि 'पिछले ढाई घंटे में सेकंड क्लास पैसेंजर ट्रेनों के लिए 4 लाख से ज्यादा टिकट बिक गए, जो कि 1 जून से शुरू हो रहे हैं। इतने सारे लोग घर जाना चाहते हैं। और बहुत सारे लोग शहरों की ओर अपने काम पर भी लौटना चाहते हैं, जो कि बहुत ही अच्छे संकेत हैं।' इससे पहले रेलवे ने जानकारी दी कि 73 पैसेंजर ट्रेनों के लिए कुल 1,49,025 टिकट बुक हुए हैं, जिसमें कुल 2,90,510 यात्रियों की बुकिंग हुई है। उधर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने घोषणा की है कि शुक्रवार से देशभर में करीब 1.7 लाख कॉमन सर्विस सेंटरों से भी टिकटों की बुकिंग शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा है कि अगले 2-3 दिनों में रेलवे स्टेशनों के काउंटर से भी टिकटों की बुकिंग शुरू हो जाएगी। गोयल ने कहा है कि इसके लिए रेल मंत्रालय एक प्रोटोकॉल तैयार कर रहा है। रेल मंत्री ने सबसे बड़ी घोषणा ये की है कि आने वाले दिनों कई और ट्रेनों के संचालन की भी घोषणा करने वाले हैं। उन्होंने कहा है कि अब रेलवे स्टेशनों पर दुकानों को चलाने की भी इजाजत दे दी गई है। हालांकि, फिलहाल सिर्फ टेकअवेज को मंजूरी दी गई है।
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1 जून से चलेंगी 200 ट्रेनें
यानि वहां पर बैठकर खाने की किसी को इजाजत नहीं होगी। बता दें कि रेल मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक 1 जून से शुरू हो रही 200 ट्रेनों के लिए तत्काल या प्रीमियम तत्काल का विकल्प नहीं दिया गया है। इन ट्रेनों की बुकिंग आज सुबह 10 बजे से शुरू हुई है। इन 100 जोड़ी ट्रेनों में दुरंतो, संपर्क क्रांति, जन शताब्दी और पूर्वा एक्सप्रेस जैसी लोकप्रिय ट्रेनें शामिल हैं। एक जून से चलने वाली 200 ट्रेनों की बात करें तो इनमें 73 जोड़ी मेल/एक्सप्रेस गाड़ियां हैं, 5 जोड़ी नॉन-एसी कोच वाली दुरंतों ट्रेनें हैं और बाकी 22 जोड़ी जनशताब्दी ट्रेनें शामिल हैं।
एक मई से चल रही हैं श्रमिक स्पेशल
बता दें कि रेल मंत्रालय ने पिछले 12 मई से ही नई दिल्ली से देश के 15 बड़े स्टेशनों के लिए 15 जोड़ी राजधानी के मॉडल पर स्पेशल एसी ट्रेनें चला रही हैं, जिसमें सिर्फ एसी डिब्बे ही लगाए गए हैं। वहीं एक मई से देश के अलग-अलग जगहों पर फंसे मजदूरों को अपने गृह राज्य पहुंचाने के लिए रेलवे कई जोड़ी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें भी चला रहा है। इन ट्रेनों के यात्रियों को किराया नहीं देना पड़ता और 85 फीसदी खर्च रेलवे और 15 फीसदी राज्य सरकारें उठा रही हैं। जबकि, एसी स्पेशल और 1 जून से चलने वाली ट्रेनों का पूरा खर्च यात्रियों को उठाना पड़ रहा है।
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रेल मंत्री के निशाने पर ममता सरकार
इस बीच रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आरोप लगाया है कि 'कुछ राज्यों ने प्रवासी कामगारों को उनके घर वापस भेजने के लिए हमें स्पेशल ट्रेनें चलाने में सहयोग नहीं किया। मैं समझता हू कि करीब 40 लाख लोग पश्चिम बंगाल लौटना चाहते हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 27 स्पेशल ट्रेनें ही प्रदेश में घुस पाई हैं।'