कोई घोटाला नहीं हुआ था, मेरी जीरो लॉस की थ्योरी सही साबित हुई: कपिल सिब्बल
नई दिल्ली। 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में गुरुवार को पटियाला हाऊस की विशेष अदालत ने ए. राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया। सीबीआई स्पेशल जज ओपी सैनी ने 1.76 लाख करोड़ रुपये के इस घोटाले में फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को तीनों केसों से बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि 'अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में नाकाम रहा'। अदालत के इस फैसले के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि 'मेरी बात सही साबित हुई। मैंने पहले ही कहा था कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं था।'
'मेरी बात आज सिद्ध हो गई है। कोई करप्शन नहीं, कोई लॉस नहीं
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस फैसले के बाद कहा कि, 'मेरी बात आज सिद्ध हो गई है। कोई करप्शन नहीं, कोई लॉस नहीं। अगर स्कैम है तो झूठ का स्कैम है। विपक्ष और विनोद राय के झूठ का। विनोद राय को देश के सामने माफी मांगनी चाहिए।'
सिब्बल ने कहा, 'तत्कालीन कैग विनोद राय ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ साजिश की थी। इस फैसले ने साबित कर दिया है कि राय की निष्ठा किस ओर थी। जब मैंने जीरो लॉस की बात कही थी तो तत्कालीन विपक्ष और ऑनलाइन ट्रोलर्स ने मुझे निशाने पर लिया था। आज कोर्ट ने यूपीए सरकार की बात पर मुहर लगाई है।'
मुझे बेहद खुशी है कि आज सत्य की जीत हुई है
पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'एक हाई प्रोफाइल 2 लाख करोड़ के घोटाले में सरकार के वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों के शामिल होने की बातें पूरी तरह से निराधार थीं। हम हमेशा यही कहते रहे और मुझे बेहद खुशी है कि आज सत्य की जीत हुई है।'
इस केस में ये सब थे आरोपी
आपको बता दें कि सभी आरोपियों को सभी तीनों मामले में बरी किया गया है, इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, डीएमके सांसद कनिमोई सहित कई हाई-प्रोफाइल लोग आरोपी थे। अभी तक कोर्ट ने तीन मामलों की सुनवाई की है जिसमे से दो मामले सीबीआई के हैं और एक मामला प्रवर्तन निदेशालय का है। पहले केस में सीबीआई ने ए राजा, कनिमोई, पूर्व टेलीकॉम सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, ए राजा के तत्कालीन निजी सचिव आरके चंदौलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा, विनोद गोयनका, यूनिटेक के एमडी संजय चंद्रा, कुशेगांव फ्रूट्स एवं वेजिटेबल के आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, शरुद कुमार और सिनेयुग फिल्म के करीम मोरानी के साथ रिलायंस के गौतम जोशी, सुरेंद्र पिपारा, हरि नैयर को आरोपी बनाया गया था। इन तमाम आरोपियों के अलावा रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड, यूनिटेक वायरलेस को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया था।