ममता दीदी का पश्चिम बंगाल बन गया बॉम्ब कैपिटल
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की बीरभूम जिले में मंगलवार को पुलिस ने 150 क्रूड बम बरामद किए और एक बार फिर से न सिर्फ राज्य की सुरक्षा व्यवस्था बल्कि यहां पर शासन कर रही ममता बनर्जी सरकार पर भी कई सवाल खड़े होने लगे हैं। दो अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के बर्दवान में जो कुछ भी हुआ उसने पूरे देश को हैरान कर दिया था। बर्दवान में ब्लास्ट के साथ ही पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन के मजबूत होने के सुबूत मिलते गए।
सुबूतों के मिलने का सिलसिला अभी तक जारी है। मंगलवार को मिले 150 क्रूड बम इसी बात की ओर इशारा करते हैं कि पश्चिम बंगाल में मौजूद कुछ आतंकी तत्व इस राज्य को एक बॉम्ब फैक्ट्री में तब्दील करने की कोशिशों में लग गए हैं।
अब तक मिल चुके हैं 350 क्रूड बम
बर्दवान
ब्लास्ट
की
घटना
के
बाद
से
लेकर
अब
तक
राज्य
में
350
क्रूड
बम
पुलिस
रिकवर
कर
चुकी
है।
अभी
कुछ
ही
दिनों
पहले
सात्तोर
में
पुलिस
को
70
क्रूड
बम
मिले
थे।
इससे
पहले
मालदा
जिले
में
पुलिस
को
दो
दर्जन
से
ज्यादा
क्रूड
बम
मिले
थे।
दो
अक्टूबर
2014
को
बर्दवान
में
हुए
ब्लास्ट
के
बाद
एजेंसियों
ने
यहां
से
100
से
ज्यादा
क्रूड
बम
बरामद
किए
थे।
हाल
ही
में
दमदम
रेलवे
स्टेशन
पर
भी
दो
क्रूड
बम
ब्लास्ट
हो
गए
थे
जिसमें
दो
मासूम
बच्चे
घायल
हो
गए
थे।
इस
ब्लास्ट
की
जांच
के
दौरान
पुलिस
को
मालूम
चला
कि
रेलवे
स्टेशन
पर
तीन
और
क्रूड
बम
प्लांट
किए
गए
थे।
बम बनाने की इंडस्ट्री
- जांच में इस बात के सुबूत एजेंसियों को मिले हैं कि पश्चिम बंगाल में बम बनाने के लिए गैरकानूनी तरीके से इंडस्ट्रीज बना ली गई हैं।
- इन इंडस्ट्रीज में कई मजदूरों को लगाया गया है और कई लोगों को नौकरियां भी दी गई है।
- यह वह मजदूर हैं जिनके पास कोई काम नहीं है और उन्हें बम बनाने के लिए नौकरियों का लालच दिया गया।
- इन इंडस्ट्रीज में बांग्लादेश से आए अवैध नागरिकों को भी नौकरियां दी गई हैं।
- इंडस्ट्रीज में लगे लोग एक दिन में करीब 70 बम बनाते हैं तो उन्हें उनकी सैलरी मिलती है।
- उन्हें ज्यादा से ज्यादा बम बनाने के लिए कहा जाता है।
- इन बमों को फिर किसी घर में सुरक्षित रखा जाता है और ज्यादातर यह किसी राजनेता का घर होता है।
राजनीतिक पार्टियों का हथकंडा
- पश्चिम बंगाल में इस तरह से बम मिलना कोई नई बात नहीं है।
- राज्य में जब चुनावों के दौरान भी पुलिस को कई बम बरामद हुए थे।
- जो एजेंसियां इस घटना की जांच कर रही थीं उन्हें इस बात का पता लगा कि राज्य में जो बम उन्हें मिले हैं उसका प्रयोग राजनीति में युद्ध के लिए होने वाला था।पश्चिम बंगाल में बम अब राजनीतिक पार्टियों के लिए उनकी ताकत की पहचान बन चुके हैं।
- वह अक्सर ही राजनीतिक विरोधियों के सामने अपनी ताकत को जाहिर करने क लिए करते हैं।
- कई बार पुलिस ने जो बम बरामद किए हैं वह राजनीतिक पार्टियों में मौजूद शरारती तत्वों के थे।
- जांच की मानें तो राज्य की हर राजनीतिक पार्टी में गैर-सामाजिक तत्व मौजूद हैं।
- इन तत्वों को राज्य में राजनीतिक लड़ाई के लिए प्रयोग किया जाता रहता है।
- गांव की पंचायत से लेकर लोकसभा चुनावों तक, कई पार्टियां अपने विरोधियों को डराने के लिए बम का प्रयोग करती हैं।
- कई केस में राज्य की छोटी इंडस्ट्रीज को बम बनाने का जिम्मा तक दे दिया जाता है।
- वनइंडिया को मिली जानकारी पर अगर गौर करें तो राज्य में बम बनाने का उद्योग काफी तेजी से उभर रहा है।
- बर्दवान ब्लास्ट इस बात का साफ सुबूत है कि राज्य में निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए बम बनाने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।
- इस घटना में राज्य में बांग्लादेश का एक मॉड्यूल सेट अप किया जा चुका है जो बम बनाने में तेजी से सक्रिय हैं।
- जांच में सामने आया था कि जमात-उल-मुजाहिद्दीन के ऑपरेटिव्स के पास बम बनाने का सारा सामान मौजूद था।
- जमात ने अब तक उन्होंने 150 से भी ज्यादा क्रूड बम बनाने डाले।
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