क्या CM KCR 2024 से पहले राष्ट्रीय राजनीति में धमाकेदार पदार्पण की तैयारी में हैं ?
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) देशभर में जनाधार बढ़ाने की कोशिशों में जुटी है। CM KCR ने मंत्रियों को जिम्मा सौंपा है।
CM KCR 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय राजनीति में दस्तक देने या शायद धमाकेदार एंट्री की योजना बनाते दिख रहे हैं। दरअसल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) अब नेशनल पार्टी का दर्जा पाने के बाद भारत राष्ट्र समिति (BRS) हो चुकी है। ऐसे में उन्होंने BRS नेताओं-मंत्रियों को पूरे भारत में एक्टिव कर दिया है।
खम्मम में बीआरएस की हाईप्रोफाइल रैली
रिपोर्ट के मुताबिक बीआरएस अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव ने अन्य राज्यों में पार्टी के विस्तार की कवायद तेज कर दी है। खम्मम में हुई बीआरएस की जनसभा में तीन मुख्यमंत्रियों, एक पूर्व मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने भाग लिया। इस रैली के बाद बीआरएस पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक दलों का ध्यान आकर्षित किया है। रैली के बाद CM KCR ने अपने कैबिनेट मंत्रियों को अलग-अलग राज्यों के लिए नियुक्त किया है। इन नेताओं को विभिन्न राजनीतिक दलों, किसानों और अन्य संगठनों के नेताओं और प्रतिनिधिमंडलों से मिलने का निर्देश दिया गया है। BRS के नेता वैसे राजनीतिक लोगों से मुलाकात करेंगे, जिन्होंने बीआरएस में शामिल होने या पार्टी का सहयोग करने या राज्यों में बीआरएस की इकाइयां खोलने में रुचि दिखाई है।
KCR BRS का राष्ट्रीय एजेंडा तैयार करने में जुटे !
दिलचस्प है कि केसीआर ने खम्मम की जनसभा में बीआरएस के किसान-केंद्रित और प्रगतिशील, विकास और कल्याण-उन्मुख एजेंडे के कुछ बारीक बिंदुओं पर संकेत किया था। हालांकि, बीआरएस की नेशनल पॉलिटिक्स के लिए रणनीति के बारे में टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया कि KCR BRS का राष्ट्रीय एजेंडा तैयार करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से परामर्श भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक विस्तृत एजेंडा तैयार किया जा रहा है और जल्द ही इसे देश के सामने पेश किया जाएगा।
क्या है मुख्यमंत्री का प्लान
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए, केसीआर राजनीतिक अध्ययन के लिए पूर्वोत्तर भारत पर भी फोकस कर रहे हैं। उन्होंने राज्यों का दौरा करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के बीआरएस सदस्यों, बुद्धिजीवियों, कवियों, शिक्षाविदों, किसानों, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के एक प्रतिनिधिमंडल को भेजने की भी योजना बना रहे हैं।
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KCR के सामने चुनौती
राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि केसीआर के लिए फरवरी में पेश होने वाले वार्षिक तेलंगाना बजट को ध्यान में रखते हुए निकट भविष्य में बीआरएस विस्तार योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना एक चुनौती होगी। अगर केसीआर लगातार तीसरी बार तेलंगाना की सत्ता में आने का लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं तो उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। लगातार दो कार्यकाल के बाद KCR के सामने सत्ता विरोधी लहर पर काबू पाने की चुनौती भी होगी।
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