तेलंगाना ने अपनाया 'क्लाउड फर्स्ट स्ट्रैटेजी', मिलेगी ये मदद
हैदराबाद, 23 सितंबर। तेलंगाना सरकार ने हाल ही में "क्लाउड फर्स्ट स्ट्रैटेजी" को क्लाउड एडॉप्शन फ्रेमवर्क के तहत अपनाया है। इससे राज्य को जटिल वातावरण में क्लाउड-आधारित तकनीक के उपयोग में मदद मिलेगी। इस संबंध में तेलंगाना सरकार में प्रमुख सचिव, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार विभाग के जयेश रंजन ने कई महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की। एक इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि तेलंगाना सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने में सबसे आगे है। एआई के वैश्विक केंद्र के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए राज्य सरकार क्या पहल कर रही है? इस पर उन्होंने कहा कि हमने हितधारकों का ध्यान खींचने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का एक मंच बनाया है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि AI गतिविधियों का वर्ष समाप्त हो गया है या 2022 तक समाप्त होने वाला है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में, G-20 का बाली में एक कार्यक्रम था। यह कार्यक्रम प्रौद्योगिकी पर केंद्रित था। इस कार्यक्रम में AI गतिविधियों की श्रेणी को प्रदर्शित करने के लिए भारत से 5 AI- आधारित स्टार्ट-अप लिए गए हैं। उनमें से चार हमारे कार्यक्रम के थे। उन्होंने कहा कि हम एआई को लेकर काफी बुलिश हैं। ऐसे में हम इसमें निवेश करना जारी रखेंगे। इस साल हमने रिमोट वोटिंग के लिए एआई एप्लिकेशन लॉन्च किया है। इससे पहले रिमोट वोटिंग की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। लेकिन मार्च 2022 में हम खम्मम नामक एक छोटे से शहर में बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करने में सक्षम थे। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने सही व्यक्ति की मतदाता पहचान में मदद की और वोटों से छेड़छाड़ की चुनौती का समाधान किया।
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