दिवाली: मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के साथ GST की भी पूजा कर रहे हैं व्यापारी
शिमला। इस बार दिवाली पूजा में बाजारों में स्थित दुकानों में व्यापारियों ने परंपरागत दिवाली पूजा के साथ ही जीएसटी पोर्टल की भी पूजा की। व्यापारियों ने बताया कि दिवाली के दिन बहीखाते को पूजे जाने की परंपरा रही है। जीएसटी के लागू होने के बाद अब परंपरागत बहीखाते की जगह जीएसटी पोर्टल ही व्यापारियों का बही खाता बन गया है। इसलिए इस बार जीएसटी पोर्टल की भी पूजा की गई।
कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) जिसने देश में यह अनूठी पहल की है, के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खण्डेलवाल ने बताया की व्यापारियों के लिए दिवाली पूजा का विशेष महत्व है और व्यापार के लिए इस पूजा को बेहद लाभकारी माना गया है। सदियों से भारत में व्यापारी दिवाली के अवसर पर अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर परंपरागत रूप से दिवाली पूजा करते आ रहे हैं और क्योंकि अब जीएसटी पोर्टल ने वास्तविक बही खाते का रूप ले लिया है लिहाजा देश भर में आज व्यापारियों ने अपनी दुकानों में जीएसटी पोर्टल दिवाली पूजा की। व्यापारियों ने पूजा में पार्थना की की पोर्टल सुचारू रूप से काम करे और जीएसटी से उपजी व्यापारियों की परेशानियां समाप्त हों ।
नई दिल्ली में कैट के राष्ट्रीय मुख्यालय में हुई दिवाली पूजा में प्रकांड पंडितों ने वैदिक मन्त्रों के बीच जीएसटी पोर्टल को खोला रोली तिलक लगाया और हार फूल, पांच मेवा एवं मिष्ठान अर्पित किया गया और आरती की गयी । दिवाली पूजन में बही खातों के स्थान पर कंप्यूटर और व्यापार करने के आधुनिक साधन लैपटॉप, मोबाइल और टेलीफोन की भी पूजा की गयी ।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया ने कहा की आज हुई दिवाली पूजा देश भर में इस बात का मजबूत सन्देश देगी की व्यापारी भी अब आधुनिक तकनीक को अपनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। श्री भरतिया एवं श्री खण्डेलवाल ने कहा की सदियों से भारत में व्यापारी दिवाली त्यौहार पर श्री गणेश एवं श्री लक्षी के साथ साथ अपनी अकाउंट बुक्स और बही खतों की पूजा करते आ रहे हैं । व्यापार में समय के साथ बदलाव को अंगीकृत करते हुए अब दिवाली पूजा में जीएसटी पोर्टल , मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप, का भी पूजन होगा ।
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