VIDEO: कभी स्कूटर पर बेचते थे सामान, अब है करोड़ों की कंपनी, बताई संघर्ष-सफलता की कहानी
सोलन। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के रहने वाले दिनेश लोहिया फर्श से अर्श तक पहुंचने वाले ऐसे शख्स हैं, जिनसे हम या आप प्रेरणा ले सकते हैं। दिनेश कभी स्कूटर पर जरूरत के सामान बेचा करते थे। मगर, आज करोड़ों की कंपनी चला रहे हैं। उन्होंने 18 हज़ार निवेश कर अपना सफर शुरू किया, अब उन्हें 18 करोड़ का टर्नओवर हुआ। हमारे संवाददाता से उन्होंने अपनी 21 साल पहले शुरू किए सफर की दास्तान शेयर की।
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सोलन के दिनेश लोहिया की प्रेरणादायी कहानी
अपने संघर्ष को याद करते हुए दिनेश कहते हैं- ''मैंने 20 से 22 घंटे तक भी काम किया। कई बार 2 घंटे ही सो पाता था। सीढ़ी से गिरने के कारण अधरंग भी हो गया था। फिर भी अपने उत्पाद बेचने के लिए स्कूटर पर पूरा हिमाचल नापा डाला था। पहले मैंने इंजीयरिंग की थी, उसके बाद दिल्ली पहुंचा।''
किसी ने ठुकराया तो किसी ने दिया काम
''वहां विभिन्न कंपनियों में जॉब की और फिर जो पैसे जुटाए, उन्हें लेकर सोलन आ गया। यहाँ कुछ कंपनियों के लिए उत्पाद बना कर दिए। कुछ कंपनियों ने पहचान की और काम दिया। किसी ने ठुकराया भी था, लेकिन हार नहीं मानी, क्योंकि अपनी मेहनत पर भरोसा था।''
जो भी सपने देखे वो दिल से देखे, अच्छे दिन आए
''अब सोलन में हमारा सर्किट बनाने का उद्योग चल रहा है, जिससे कई बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए सर्किट प्लेट्स बनाकर दे रहे हैं। मैं बता दूं कि जहाँ, शुरुआती दौर में हमारे पास खाने को भी पैसे नहीं होते थे, आज इस इंडस्ट्री में करोड़ों रुपये की मशीनरी लगी है और पचासों युवाओं को रोज़गार भी दे रहे हैं।''
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हिमाचल के कामयाब उद्योगपतियों में से एक
दिनेश
बोले-
''हमने
जो
भी
सपने
देखे
वो
दिल
से
देखे
हैं
और
यही
कारण
है
कि
आज
इतने
अच्छे
दिन
आए।
मैं
चाहता
था
कि,
कोई
बड़ी
कंपनी
सोलन
में
खुले।
पैसा
यहीं
कमाया
जाए,
तो
अब
यह
सपना
पूरा
हुआ
है।''
आज
वह
हिमाचल
के
कामयाब
उद्योगपतियों
में
से
एक
हैं।
अपने
संघर्ष
के
दिनों
कई
बार
केवल
दो
घंटे
सोते
थे।
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अब विदेश तक पहुंच रहा देशी सामान
दिनेश ने कहा कि, हमारा उत्पाद आज देश में और विदेश में, दोनों जगह जा रहा है।जिसकी गुणवत्ता में कमी नहीं आने देते और ईमानदारी से सब करवाते हैं। वह रत्न टाटा और स्वामी विवेकानंद जैसे सफल व्यक्तित्व को पढ़ते थे। उन्हीं से प्रेरित होकर अपनी अलग पहचान बनाना चाहते थे, जिसमें वह कामयाब रहे।