PICs: हिमाचल के मौसम ने घर में रहने को किया मजबूर, ये 40 ठिकाने ठप
राजधानी समेत पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है। बर्फबारी के कारण करीब चार दर्जन सड़कें यातायात के लिए बाधित हो गईं।
शिमला। हिमाचल में लगातार हो रही बारिश व बर्फबारी लोगों के लिए आफत लेकर आई है। प्रदेश के अधिकांश भागों में सामान्य जनजीवन ठप होकर रह गया है। भारी बर्फबारी के चलते सैकड़ों सड़के बंद हो गई हैं और कई इलाके कट गए हैं। सैकड़ों छोटे-बड़े वाहन बर्फ में फंस गए हैं। वहीं कुछ इलाकों में बिजली गुल है, तो टेलीफोन और इंटरनेट सेवा भी ठप है। खराब मौसम के चलते लोक निर्माण विभाग ने अपने फील्ड स्टाफ की छुट्टियां रद्द करते हुए उन्हें फील्ड में तैनात किया है ताकि रास्ता खुल सके। शिमला से सटे कुफरी, नारकंडा, खड़ापत्थर, धर्मशाला के त्रियुंड, नड्डी और चंबा के डलहौजी में मौसम का पहला हिमपात हुआ है। मनाली में भी हल्की बर्फबारी हुई। शिमला शहर में दो दिनों से बारिश हो रही है। राजधानी समेत पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है। बर्फबारी के कारण करीब चार दर्जन सड़कें यातायात के लिए बाधित हो गईं। बंद पड़ी ज्यादातर सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों की बताई जा रही हैं।
जिला शिमला व किन्नौर में एच.आर.टी.सी. के दर्जनों रूट प्रभावित हुए हैं। जिला शिमला के चौपाल क्षेत्र पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है, जहां पर करीब 40 रूट प्रभावित हुए हैं, वहीं रोहड़ू व खड़ापत्थर में भी बर्फबारी के कारण कुछेक सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। जिस कारण यहां पर बसों का संचालन बंद हो गया है। बारिश व बर्फबारी से रामपुर से रोहड़ू व रामपुर से आनी मार्ग बंद हो गए हैं।
वहीं किन्नौर के उपरी इलाके, चंबा के पांगी व भरमौर, कांगड़ा के बड़ा भंगाल, सिरमौर के चूड़धार और शिकारी देवी क्षेत्र में लोग बर्फ में कैद हो गए हैं। जलोड़ी दर्रा बंद होने से कुल्लू का आउटर सिराज क्षेत्र जिला मुख्यालय से अलग थलग हो गया है। किन्नौर जिले के कल्पा, रोघी, रक्षम, छितकुल, लिप्पा, आसरंग समेत कई रूट बंद हो गए हैं। चंडीगढ़-शिमला हाईवे पर भी भूस्खलन से जाम लग रहा है। रोहतांग दर्रे के बाद पूरी लाहौल घाटी में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। लाहौल घाटी में हिमस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है।
मौसम खराब होता देखा मनाली पुलिस ने नेहरूकुंड में अस्थाई बैरियर लगा दिया और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सैलानियों के वाहनों को नेहरूकुंड से आगे जाने पर रोक लगा दी। बर्फबारी अधिक होने के चलते गुलाबा पर्यटन स्थल भी सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है। लाहौल घाटी में फंसे लोगों के लिए अब बाहर निकलने का एकमात्र सहारा रोहतांग टनल ही है। बीआरओ लेफ्टिनेंट जनरल श्रीवास्तव ने लाहौल घाटी के लोगों के लिए आपात स्थिति में रोहतांग टनल खोलने का आश्वासन दिया है। उपायुक्त लाहौल देवा सिंह नेगी ने लोगों को मौसम साफ होने तक एक गांव से दूसरे गांव न जाने की हिदायत जारी की गई है। हालांकि, अभी तक किसी तरह की चेतावनी जारी नहीं हुई है, लेकिन प्रशासन सतर्कता बरत रहा है।
प्रदेश में बर्फबारी से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग ने 22,000 कर्मचारियों को फील्ड में तैनात किया है। कई क्षेत्रों में बर्फबारी से मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। मौसम साफ होने तक कर्मचारियों की छुट्टियां रोक दी गई हैं। विभाग ने मुख्यालय शिमला में कंट्रोल रूम बनाया है। विभाग ने दुर्गम और पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित डिवीजन और सब डिवीजन कार्यालयों को बर्फ साफ करने के लिए अतिरिक्त मशीनरी भेज दी है। बीते साल बर्फबारी से अवरुद्ध मार्गों से सबक लेते हुए लोक निर्माण विभाग ने प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जेसीबी और डोजर भेजे हैं। इसके अलावा बर्फीले क्षेत्रों में रेत-बजरी और मिट्टी के ढेर लगाए गए हैं ताकि समय पर यातायात बहाल किया जा सके।
विभाग की मानें तो शहरों में बर्फ हटाने के टेंडर भी आमंत्रित किए गए हैं। इसके अलावा निजी मशीनरियों को भी हायर किया गया है। लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर एके चौहान ने कहा कि बर्फबारी से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग की तैयारियां पूरी हैं। उधर, परिवहन निगम ने एचआरटीसी चालकों और परिचालकों को बर्फबारी में बस चलाने का रिस्क न लेने के निर्देश दिए हैं। निगम प्रबंधन ने ऐसी स्थिति में सड़क के किनारे बसें खड़ी करने को कहा है।
Read more: VIDEO: यूपी में लव जिहाद के इस मामले की राजस्थान कांड से हो रही है तुलना, देखिए पिटाई