हिमाचल प्रदेश: वायु सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म, निकाले गए कुल 233 लोग, प्रशासन ने किया सेना का सम्मान
शिमला। लाहौल-स्पिति जिले के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकालने के लिए वायु सेना के 6 हैलीकॉप्टरों के माध्यम से चलाया गया रेस्क्यू आपरेशन शनिवार दोपहर को खत्म हो गया। ऑपरेशन के छठे व आखिरी दिन वायु सेना के एमआई-17 वी-5 हैलीकॉप्टर ने लगभग 4000 मीटर की ऊंचाई पर बातल से एक, छोटा दड़ा से 7 और छतड़ू से 24 लोगों को उठाया गया। इस उड़ान के साथ ही वायु सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त हो गया। छह दिनों तक चले इस ऑपरेशन के दौरान बर्फ से ढके लाहौल-स्पिति जिले के दुर्गम स्थलों छतड़ू, छोटा दड़ा, बातल, पटसेउ और बारालाचा दर्रे के आस-पास के क्षेत्रों से देश-विदेश के पर्यटकों व कामगारों समेत कुल 233 लोगों को सुरक्षित निकाल कर कुल्लू पहुंचाया गया। इनमें 30 विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं।
भुंतर हवाई अड्डे पर ऑपरेशन के समापन अवसर पर मंडी के मंडल आयुक्त विकास लाबरू ने भारतीय वायु सेना के अधिकारियों को जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित किया। इस अवसर पर जिलाधीश यूनुस ने ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने तथा सहयोग के लिए सभी अधिकारियों व मीडिया का भी धन्यवाद किया। यूनुस ने बताया कि वायु सेना की इसी टीम ने कुल्लू जिला के डोभी विहाल में 19 और हुरला में 2 लोगों को बाढ़ के पानी से सुरक्षित निकाला था।
ऑपरेशन के समापन अवसर पर एसपी शालिनी अग्निहोत्रीअन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि लाहौल घाटी से एक हजार से अधिक लोगों को निकाला गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मॉनसून के दौरान राज्य को 1479 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है तथा हाल ही के दिनों में हुई भारी बरसात व बर्फबारी से राज्य में 220.29 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना के पांच हेलिकॉप्टरों को पर्यटकों व स्थानीय लोगों के बचाव व राहत कार्यों में लगाया गया। लाहौल घाटी में 18000 लीटर पैट्रोल और 27000 लीटर डीजल उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि रसोई गैस तथा अन्य खाद्य सामग्री भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। मनाली में जल आपूर्ति को बहाल कर दिया गया है तथा लाहौल घाटी में भी लगभग बहाल कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक घाटी में विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं कर दी जाती, तब कि सौर ऊर्जा के माध्यम से लोगों को प्रकाश उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त हुए ट्रांसफार्मरों को बदलने के लिए छोटे ट्रांसफार्मर कुल्लू से हवाई मार्ग द्वारा पहुंचाए जा रहे हैं।
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