हिमाचल प्रदेश: सचिवालय में मनहूस है कमरा नंबर 202!
इससे पहले भी इस कमरे को मंत्री बनने पर जगत प्रकाश नड्डा, आशा कुमारी और नरेंद्र बरागटा को आबंटित किया गया था। ये तीनों नेता मंत्री बनने पर चुनाव हार चुके हैं।
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शिमला। अगले कुछ दिनों में जब हिमाचल प्रदेश में औपचारिक तौर पर भाजपा की सरकार बनेगी और उसके बाद नए मंत्रिमंडल का गठन होगा तो नए मंत्रियों को राज्य सचिवालय में कमरे भी अलॉट होंगे लेकिन राज्य सचिवालय में एक कमरा ऐसा भी है जिसमें बैठने के लिए हमेशा ही नेता कतराते रहे हैं। शिमला में राज्य सचिवालय में मंत्रियों के बैठने के कमरे हैं। जहां बैठकर प्रदेश सरकार का कामकाज कबीना मंत्री संभालते हैं लेकिन इन कमरों में कमरा नंबर 202 है, जिसमें बैठने वाला मंत्री चुनाव हारता है। ये बात शिमला सत्ता के गलियारों में आम है।
कमरा नंबर 202 का अपशगुन
2012 के चुनावों के बाद जब वीरभद्र सरकार बनी तो कमरा नंबर 202 शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा को मिला लेकिन इस बार सुधीर शर्मा चुनाव हार चुके हैं। सुधीर शर्मा इसी कमरे में बैठते थे। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी इस कमरे को मंत्री बनने पर जगत प्रकाश नड्डा, आशा कुमारी और नरेंद्र बरागटा को आबंटित किया गया था। ये तीनों नेता मंत्री बनने पर चुनाव हार चुके हैं।
यहां रहने वाले को जीत नहीं होती नसीब!
हालांकि इसके बावजूद सियासत में इन नेताओं का दबदबा बना हुआ है। जगत प्रकाश नड्डा इस समय केंद्र में मंत्री हैं, जबकि आशा कुमारी ए.आई.सी.सी. सचिव के साथ पंजाब कांग्रेस की प्रभारी हैं। नड्डा का केंद्र में दबदबा है और आशा कुमारी के पंजाब कांग्रेस के प्रभारी रहते हुए पार्टी को सत्ता मिली। गौरतलब है कि वर्ष 1998 से 2003 तक तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री एवं वर्तमान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा इस कमरे में बैठे। नड्डा 2 बार राज्य सरकार में मंत्री रहने के अलावा प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। हालांकि राज्य में स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद वे वर्ष 2003 में चुनाव हार गए थे।
4 बार इस कमरे में जो भी मंत्री बैठा है, वो चुनाव हार गया है
आशा कुमारी को भी शिक्षा मंत्री बनने के बाद यही कमरा मिला था, लेकिन वे भी वर्ष 2007 में विधानसभा चुनाव हार गई थीं। नड्डा और आशा कुमारी के बाद यही कमरा नरेंद्र बरागटा को बागवानी मंत्री बनने पर आबंटित हुआ और वो भी वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव हार गए। इस बार सुधीर शर्मा को शहरी विकास एवं आवास मंत्री बनने पर ये कमरा मिला था, जो चुनाव हार गए हैं। यानि 4 बार इस कमरे में जो भी मंत्री बैठा है, वो चुनाव हार गया है।
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