हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को मिली जीत पर बोले सचिन पायलट -"मिथ है कि बीजेपी उत्तर में अपराजेय है"
हिमाचल प्रदेश चुनाव परिणाम 2002 में कांग्रेस को मिली जीत के बाद सचिन पायलट ने कहा भाजपा के सभी दिग्गजों ने यहां चुनाव प्रचार किया इसके बावूजद कांग्रेस को बहुमत मिला। ये मिथ है कि बीजेपी उत्तर में अपराजेय है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 68 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला है। कांग्रेस ने पांच साल फिर सत्ता में वापसी की है। सत्ता में वापसी से गदगद कांग्रेस पार्टी आज ही गुजरात चुनाव में हुई बुरी हार को भुला चुकी है। वहीं हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए चुनाव प्रचार में कड़ी मेहनत करने वाले कांग्रेसी सचिन पटेल का बयान सामने आया है।
अब हमें ताने से "उकसाया" नहीं जाएगा, "हमें आगे बढ़ना है
बता दें पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने हिमाचल में मिली जीत के लिए सचिन पायलट "महत्वपूर्ण भूमिका" का श्रेय दिया है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत पर कांग्रेस के सचिन पायलट ने एनडीवीटीवी को दिए इंटरव्यू में कहा कि
हम तभी भी उन्हें हराने में कामयाब रहे
सचिन पायलट ने कहा प्रधानमंत्री बुला रहे थे और बागियों को पीछे हटने के लिए कह रहे थे। यह कहना कि भाजपा बागियों के कारण नहीं जीती, अनुचित होगा। रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री प्रचार के दौरान सभी वहां थे। हम तभी भी उन्हें हराने में कामयाब रहे। यह कांग्रेस की जीत के बारे में बताता है।
गुजरात में हार पर क्या बोले सचिन पायलट ?
कांग्रेस नेता सचिन पायलट, जिन्हें पहले राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनावों में उनके जमीनी स्तर के काम के लिए सराहा गया था, उन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने हिमाचल की जीत में "महत्वपूर्ण भूमिका" होने का श्रेय दिया था। वरिष्ठ नेता ने कहा पायलट बहुत मांग में थे। उन्होंने पार्टी में एकता और एकजुटता की बात की उन्होंने कहा कोई अंदरूनी कलह नहीं है, हम सब मिलकर काम करते हैं वहीं जब गुजरात में हार के बारे में पूछा गया जहां सचिन के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रभारी थे, इसके जवाब में सचिन पायलट ने कहा दोनों राज्यों में स्थिति अलग है और पार्टी को कुछ "चिंतन" करने की जरूरत है।
हिमाचल में कांग्रेस की जीत पार्टी पर चांदी की परत
बता दें हिमाचल में कांग्रेस की जीत को चांदी की परत के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि दो दिनों में तीन चुनावों के नतीजे आए हैं। कांग्रेस ने गुजरात में बहुत खराब प्रदर्शन किया। गुजरात में कांग्रेस 2017 में जीती 77 सीटों में से एक चौथाई से भी कम सीटों को जीतने में कामयाब हुई। वहीं एक दिन पहले दिल्ली एमसीडी चुनावों में, जिसमें हिमाचल की तुलना में अधिक मतदाता थे, कांग्रेस ने केवल नौ सीटों पर जीत हासिल की।