गर्भवती महिला के पास नहीं था 'आधार', अस्पताल ने भर्ती से किया इंकार, पार्किंग में हुआ प्रसव
गुरुग्राम। गुरुग्राम में आधार कार्ड न होने पर एक गर्भवती महिला को भर्ती करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। महिला ने 2 घंटे तक दर्द से तड़पने के बाद हॉस्पिटल की पार्किंग में एक बच्ची को जन्म दिया। वहां बैठी कुछ महिलाओं ने शॉल की आड़ में डिलिवरी कराई। शीतला कॉलोनी निवासी मुन्नी के पेट में दर्द होने पर शुक्रवार सुबह जिला नागरिक अस्पताल लाया गया।
आधार कार्ड न होने पर अल्ट्रासाउंड से मना कर दिया
मूलरूप से मध्यप्रदेश की रहने वाली मरीज का पति बबलू ने ओपीडी कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। ओपीडी में दिखाने के बाद डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड के लिए कहा। जब अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराने पहुंचे तो आधार कार्ड मांगा गया। आधार कार्ड न होने पर अल्ट्रासाउंड से मना कर दिया। स्टाफ नर्स ने भी आधार कार्ड के अभाव में भर्ती करने और भर्ती फाइल बनाने से इनकार कर दिया।
आपातकालीन वार्ड से निकलने के बाद गेट पर प्रसव हो गया
परिजनों और मरीज के चक्कर काटने के सवा घंटे बाद भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया। परेशान होकर परिजन निजी अस्पताल जाने के लिए निकले। उसी वक्त आपातकालीन वार्ड से निकलने के बाद गेट पर प्रसव हो गया। अस्पताल परिसर में मौजूद महिलाओं ने डिलीवरी में मदद की। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को प्रथम तल पर भर्ती किया। हरियाणा के सोनीपत में भी ऐसी घटना हो चुकी है। 29 दिसंबर को एक निजी अस्पताल ने कारगिल शहीद की विधवा को आधार कार्ड नहीं होने पर भर्ती नहीं किया था। इसके चलते महिला की मौत हो गई थी।
दोनों कर्मचारियों को निलंबित किया
जिला नागरिक अस्पताल प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से लिया है। प्राथमिक जांच में डॉक्टर और स्टाफ नर्स दोनों की गलती पाई गई है। सीएमओ ने दोनों कर्मचारियों को निलंबित करने की सिफारिश की।अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले में एक डॉक्टर और एक नर्स को सस्पेंड कर दिया है। मामले पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड न होने की वजह से किसी भी मरीज का इलाज नहीं रोका जाएगा।