हरियाणा: एक दिन में मिल रहे नए कोरोना मरीजों की संख्या डेढ़ हजार से भी कम हुई, रिकवरी रेट 96.1%
चंडीगढ़। हरियाणा में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में अब बहुत कमी चुकी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते रोज महज 1,452 नए कोरोना मरीज ही मिले। जबकि, संक्रमितों का कुल आंकड़ा 7,55,389 हो गया। जिनमें से 7,26,081 लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं और 21,087 सक्रिय मरीज हैं। इनके अलावा 8,221 लोगों की कोरोना से जान जा चुकी। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि, अब हालत नियंत्रण में हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, हरियाणा में कोरोना की रिकवरी रेट बढ़कर 96.1% हो गई है।
वैक्सीन की 58 लाख डोज दी जा चुकीं
राज्य सरकार का दावा है कि अब तक कोरोना वैक्सीन की 58,03,459 डोज मुहैया कराई जा चुकी हैं। साथ ही विगत 24 घंटों के दरम्यान हरियाणा में सामने आए 1,452 नए मामले राहत का बड़ा उदाहरण हैं। क्योंकि, एक समय ऐसा भी आ चुका है जब हरियाणा में रोजाना 16 हजार से ज्यादा कोरोना मरीज मिल रहे थे। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि, बीते 24 घंटों के दरम्यान राज्यभर में 3,370 लोग डिस्चार्ज हुए। यानी ठीक होने वालों की संख्या नए मरीजों की तुलना में दोगुना से भी ज्यादा रही। हालांकि, इस दौरान 89 लोगों की मृत्यु भी दर्ज़ की गई।
"टेस्ट, ट्रैक एण्ड ट्रीट" रणनीति से काम
हरियाणा के जनसंपर्क एवं सूचना विभाग ने स्वास्थ्य विभाग के हवाले से बताया था कि, प्रदेश के विभिन्न मेडिकल काॅलेजों, सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में फिलहाल कुल 13,949 ऑक्सीजन बेड और कुल 5,350 वेंटिलेटर/आई.सी.यू. बेड की व्यवस्था है। बताया गया है कि, गांवों में वायरस का संक्रमण रोकने के लिए सरकार द्वारा "टेस्ट, ट्रैक एण्ड ट्रीट" रणनीति अपनाई जा रही है। जिसके लिए गांवों में डोर टू डोर कोरोना स्क्रीनिंग के लिए हरियाणा विलेजर्स जनरल हैल्थ चेकअप स्कीम है।
हरियाणा: लगातार घटकर अब 2 हजार रह गए एक दिन में मिलने वाले नए कोरोना मरीज, रिकवरी रेट 95% पार
8 हजार से ज्यादा जांच-टीमें लगीं
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, इस कार्य के लिए प्रदेश में हजारों टीमों का गठन किया गया। सरकार ने कहा था कि, प्रत्येक टीम 500 घरों में डोर-टू-डोर विजिट करके कुल 40 लाख ग्रामीण घरों में स्वास्थ्य की जांच करेगी। जिसके बारे में मुख्यमंत्री द्वारा बताया गया कि हरियाणा विलेजर्स जनरल हैल्थ चेकअप स्कीम के तहत टीमें 5 हजार से ज्यादा गांवों में जा चुकी हैं और 30 लाख से ज्यादा लोगों की जांच की जा चुकी है।