सड़क किनारे मिलने वाली बिरयानी की भी जांच, कहीं बीफ तो नहीं
चंडीगढ़। हरियाणा में गोमांस बैन होने के बाद अब राज्य की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने राज्य की पुलिस को सड़क किनारे बिकने वाली बिरयानी के सैंपल इकट्ठा करने के काम पर लगा दिया है, ताकि इस बिरयानी में बीफ की जांच की जा सके।
सुनने में जरूर अटपटा लगता है लेकिन राज्य की पुलिस इस काम में मुस्तैदी से जुटी है। 11 सितंबर को मनाई जाने वाली बकरीद से ठीक पहले राज्य सरकार के गो सेवा आयोग ने पुलिस को यह फरमान जारी किया है।
सड़क किनारे बिकने वाली बिरयानी की जांच के आदेश
हरियाणा के एकमात्र मुस्लिम बाहुल्य मेवात जिले में पुलिस अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सड़क किनारे बिकने वाली बिरयानी की जांच करें कि इसमें गोमांस तो नहीं है।
आपको बता दें कि हाल ही में जारी किए गए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बाद हरियाणा देश का दूसरा राज्य है जहां पुलिस थानों में सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज होती हैं।
मेवात के बाद दूसरे जिलों से भी लिए जाएंगे सैंपल
इस मामले को लेकर मंगलवार को गो-तस्करी और गो हत्या रोकने के लिए बनी एसटीएफ की इंचार्ज डीआईजी भारती अरोड़ा, मेवात के एसएसपी कुलदीप सिंह और आयोग के चेयरमैन भनी राम मंगला ने स्थानीय निवासियों से बातचीत की।
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भनी राम मंगला ने बताया कि उन्हें बड़ी संख्या में शिकायतें मिली हैं कि सड़क किनारे बिकने वाली बिरयानी में गोमांस परोसा जा रहा है, जिसके बाद पुलिस को जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मेवात से सैंपल भरने के बाद दूसरे जिलों से भी बिरयानी के सैंपल लिए जाएंगे।
मटन करी और कबाब के सैंपल क्यों नहीं?
जब उनसे पूछा गया कि केवल बिरयानी के सैंपल ही क्यों लिए जा रहे हैं, मटन करी और कबाब के क्यों नहीं? तो मंगला ने बताया कि खुले तौर पर गोमांस बेचना मुश्किल है। उन्हें शिकायतें मिली हैं कि दुकानदार चावलों के साथ मिलाकर गोमांस बेच रहे हैं।
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आपको बता दें कि हरियाणा देश में सबसे कड़े गोहत्या कानून वाला राज्य है, जहां इस अपराध के लिए अधिकतम 10 साल की सजा है।