हरियाणा में आया है प्रदर्शनकारियों से संपत्ति के नुकसान की भरपाई का कानून, खूब हो रही चर्चा
चंड़ीगढ़। हाल ही में खत्म हुए हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में डिस्टर्बेंस टू पब्लिक ऑर्डर बिल, 2021 पास किया गया है। इस कानून में विरोध प्रदर्शन के दौरान नष्ट संपत्ति की भरपाई के लिए आंदोलनकारियों से हर्जाना वसूलने का प्रावधान है। उत्तर प्रदेश के बाद हरियाणा देश का ऐसा दूसरा राज्य है, जिसने इस तरह का कानून पास किया है। भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार की ओर से लाए बनाए गए कानून पर विपक्षी कांग्रेस और कई संगठनों ने आपत्ति जताई है लेकिन ये एक सच्चाई है कि यह कानून प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ करने वालों पर लगाम कसेगा।

हरियाणा में करीब पांच साल पहले राज्य में हुआ जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान 20 हजार करोड़ की सरकारी व निजी संपत्ति का नुकसान हुआ था। इस नुकसान की भरपाई के लिए व्यापारी, उद्यमी, छोटे दुकानदार और रेहड़ी-ठेली लगाने वाले गरीब लोग आज तक मारे-मारे फिर रहे हैं। तब कुछ लोगों को मुआवजा मिला तो अधिकतर इससे वंचित रह गए। ऐसे में हरियाणा सरकार द्वारा बनाया गया संपत्ति क्षति वसूली कानून ऐसे तमाम लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगा, जिन्हें किसी भी आंदोलन के दौरान उपद्रव, हिंसा या आगजनी होने की स्थिति में अपनी संपत्ति के नुकसान का अक्सर भय सताता है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज ने कानून को लेकर कांग्रेस की आपत्तियों पर भी कहा कि इस कानून के अमल में आने के बाद उपद्रवियों पर कड़ा शिकंजा कसा जा सकेगा। वास्तविक प्रदर्शनकारियों की आड़ में असामाजिक तत्वों पर अंकुश तो लगेगा, साथ ही आंदोलन का नेतृत्व कर रहे ऐसे तमाम राजनेताओं को भी अपनी सीमा में रहने के लिए मजबूर कर देगा, जो आंदोलन का गलत लाभ उठाने की रणनीति बनाने से गुरेज नहीं करते रहे हैं।
इस कानून को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा के 2.5 करोड़ लोगों के पास जमीन पर हर अधिकार है और इसकी रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। ये कानून बहुत पहले बन जाना चाहिए था। राज्य की संपत्ति की सुरक्षा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, चाहे वो निजी हो या सरकारी। संपत्ति के नुकसान से किसी को कोई लाभ नहीं होता, असल में संपत्ति के नुकसान से आर्थिक नुकसान होता है।
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