हरियाणा सरकार का फैसला- अब उपमंडल अस्पतालों में भी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र की अनुमति, लें फायदा
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने उपमंडल अस्पतालों में भी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र को लेकर अहम निर्णय लिया। सरकार ने अब सिविल अस्पताल के अलावा उपमंडल अस्पतालों के स्तर पर भी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र की अनुमति दे दी है। दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम-2016 के प्रावधानों के तहत इस निर्णय से दिव्यांग व्यक्तियों के घरों के पास स्थित विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मेडिकल बोर्ड द्वारा दिव्यांग व्यक्तियों का मूल्यांकन और प्रमाणित करने में सुविधा मिल सकेगी।
संस्कृत
के
विद्वान
भी
मुफ्त
सफर
कर
सकेंगे
सरकार
ने
प्रदेश
में
अब
संस्कृत
भाषा
में
विभिन्न
पुरस्कार
प्राप्त
करने
वाले
विद्वानों
को
भी
बस
में
मुफ्त
यात्रा
कराने
की
अनुमति
दे
दी
है।
इस
बारे
में
जनसंपर्क
एवं
सूचना
विभाग
ने
बताया
कि,
सरकार
ने
संस्कृत
भाषा
में
विभिन्न
पुरस्कार
प्राप्त
करने
वाले
विद्वानों
को
भी
हरियाणा
रोडवेज
की
बसों
में
नि:शुल्क
यात्रा
करने
की
सुविधा
प्रदान
करने
का
निर्णय
लिया
है।
खुद
हरियाणा
के
मुख्यमंत्री
मनोहर
लाल
ने
इसके
लिए
स्वीकृति
दी
है।
वहीं,
हरियाणा
संस्कृत
अकादमी
के
निदेशक
डॉ.
दिनेश
शास्त्री
ने
बताया
कि
राज्य
सरकार
ने
संस्कृत
भाषा
के
विकास
की
दिशा
में
कई
कदम
उठाए
हैं।
प्रदेश
के
सरकारी
संस्कृत
कॉलेजों,
संस्कृत
बोर्ड
के
गठन
के
अलावा
संस्कृत
विश्वविद्यालय
की
स्थापना
की
गई
है।
कोरोना से अनाथ होने वाले बच्चों को सरकार देगी ढाई हजार रु. महीना, बालिकाओं का ब्याह भी कराएगी
राज्य के मुख्यमंत्री ने हरियाणा संस्कृत अकादमी के माध्यम से प्रदेश के संस्कृत महाविद्यालयों व गुरुकुलों में अध्यापन का कार्य करने वाले संस्कृत के उत्कृष्ट आचार्यों व गुरुकुल संचालकों के लिए गुरु विरजानंद आचार्य सम्मान, विद्यामार्तण्ड पं. सीताराम शास्त्री सम्मान, पं. युधिष्ठिर मिमांसक आचार्य सम्मान, स्वामी धर्मदेव संस्कृत समाराधक सम्मान दिलाया है। वहीं, आचार्यों सम्मानों की श्रेणी में अब तक 29 आचार्यों और गुरुकुल संचालकों का सम्मानित किया जा चुका है। सरकार की ओर से अकादमी द्वारा वर्ष 2017 व 2018 के लिए पुरस्कारों की घोषणा भी कर दी गई है। अब विद्वानों को सम्मानित किया जाएगा।
यू-टयूब
चैनल
पहले
ही
हो
गया
था
शुरू
हरियाणा
संस्कृत
अकादमी
ने
संस्कृत
विद्वानों
के
लिए
यू-टयूब
चैनल
की
सुविधा
भी
शुरू
कराई
है।
वहीं,
अकादमी
जल्द
ही
संस्कृत
विद्वानों
के
लिए
ऐप
भी
शुरू
की
जा
रही
है।
सरकार
का
कहना
है
कि,
हरियाणा
संस्कृत
अकादमी
द्वारा
निकाली
जाने
वाली
पत्रिका
हरिप्रभा
को
भी
ऑनलाइन
किया
जाएगा।