'जबरदस्ती किसानों का भला क्यों चाहती है सरकार', कृषि कानूनों पर सवाल उठाते हुए बोले पूर्व मंत्री सुभाष बतरा
रोहतक। कृषि कानूनों को भाजपा सरकार किसानों के हित में बता रही है, वहीं कई राज्यों में इन कानूनों के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। भाजपा के विपक्षी दलों एवं किसान संगठनों का कहना है कि ये काले कानून हैं और इन्हें वापस ले लेना चाहिए। इसी तरह का बयान पूर्व गृह राज्यमंत्री सुभाष बतरा ने दिया है। बतरा ने कहा कि, मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए 3 कृषि कानूनों में यदि दोष नहीं है तो ऐसा विराध क्यों हो रहा है। बतरा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से सवाल किया और कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री मंचों पर किसान का बेटा होने का दावा करते हैं, लेकिन किसानों का समर्थन क्यों नहीं करते।
पूर्व गृह राज्यमंत्री सुभाष बतरा ने कहा, ''जब किसान इन कृषि कानूनों को अपने हित में नहीं मानते तो सरकार जबरदस्ती भला क्यों करना चाहती है? ऐसा आखिर क्यों हो रहा है।' बतरा ने सूबे की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा-जजपा की सरकार जनता में विश्वास खो चुकी है। इन्हें किसानों का दर्द नहीं दिख रहा। ये इतने विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, क्या सरकार महसूस नहीं कर पा रही।''
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बतरा ने कहा कि, सरकार को यह समझना चाहिए कि इस देश की आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में कृषि क्षेत्र का अहम योगदान है, लेकिन सरकार इस क्षेत्र को भी चंद पूजीपतियों के हवाले कर बर्बाद करने पर तुली है। किसान भला फिर ऐसे कानून को क्यों चाहेगा?''
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