पावागढ़ कालिका माता मंदिर में PM मोदी ने की पूजा, 500 सालों बाद लहराया शिखर ध्वज, सदियों पुराना है इतिहास
पावागढ़ के कालिका माता मंदिर में PM मोदी ने की पूजा, 500 सालों बाद लहराया शिखर ध्वज, सदियों पुराना है मंदिर का इतिहास
पंचमहल, 18 जून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (18 जून) को गुजरात के पंचमहल जिले में पावागढ़ पहाड़ी के ऊपर पुनर्विकसित कालिका माता मंदिर का उद्घाटन किया। पीएम मोदी इससे पहले आज सुबह अपनी मां हीराबेन का 100वां जन्मदिन मनाने गांधीनगर उनके आवास पर गए थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने पावागढ़ पहाड़ी पर कालिका माता मंदिर में पूजा भी की और मंदिर का झंडा '' शिखर ध्वज'' भी फहराया। रिपोर्ट के मुताबिक 500 सालों बाद कालिका माता मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराई गई है। इस मौके पर प्रधानमंत्री के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे।
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सालों पुराना है मंदिर का इतिहास
गुजरात सूचना विभाग के मुताबिक पावागढ़ पहाड़ी के ऊपर स्थित कालिका माता मंदिर का इतिहास सालों पुराना है। "पंद्रहवीं शताब्दी में पावागढ़ की चढ़ाई के बाद, मंदिर का शिखर पिछली पांच शताब्दियों से नष्ट हुआ पड़ा था। लेकिन अब शिखर को एक नए रूप के साथ फिर से डिजाइन किया गया है। कहा जाता है कि पावागढ़ मंदिर में मां काली का ऐसा स्वरूप पूरे देश में और कहीं नहीं है। इस मंदिर में सिर्फ काली मां की आंकों का दर्शन होता है। इस मंदिर को कई सालों पहले मुस्लिम शासक ने खंडित कर दिया था।
पहले 250 सीढ़ियां चढ़ने के बाद होता था माता का दर्शन
कहा जाता है कि पहले 250 सीढ़ियां चढ़ने के बाद माता के दर्शन होते थे। लेकिन मंदिर का नवीनीकरण के बाद लिफ्ट लगा दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर का उद्घाटन कर कहा, ''पहले पावागढ़ की यात्रा कठिन थी, लोग कहते थे कि कम से कम जीवन में एक बार माता के दर्शन हो जाएं। आज यहां बढ़ रही सुविधाओं ने मुश्किल दर्शन को सुलभ कर दिया। अब बच्चे, जवान, बुजुर्ग, दिव्यांग आसानी से मां के चरणों में आकर भक्ति और प्रसाद का लाभ ले सकते हैं।''
'पावागढ़ मंदिर में एक बार फिर से मंदिर के शिखर पर ध्वज फहरा है...'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''आज सदियों बाद पावागढ़ मंदिर में एक बार फिर से मंदिर के शिखर पर ध्वज फहरा रहा है। यह शिखर ध्वज केवल हमारी आस्था और आध्यात्म का ही प्रतीक नहीं है। यह शिखर ध्वज इस बात का भी प्रतीक है कि सदियां बदलती हैं, युग बदलते हैं, लेकिन आस्था का शिखर शाश्वत रहता है।''
पीएम मोदी ने लिखा, ''आज भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव फिर से स्थापित हो रहे हैं। आज नया भारत अपनी आधुनिक आकांक्षाओं के साथ-साथ अपनी प्राचीन धरोहर और प्राचीन पहचान को उसी उमंग और उत्साह के साथ जी रहा है। हर भारतीय उसपर गर्व कर रहा है।''