नोटबंदी में घोटाले का दावा करने वाले भाजपा नेता के घर IT का छापा, 35 करोड़ से ज्यादा की 10 प्रॉपर्टी मिलीं
सूरत। देश में नोटबंदी के समय सूरत के बिल्डर एवं ज्वेलर्स द्वारा करोड़ों का घोटाला होने का दावा करने वाले आयकर विभाग के पूर्व अधिकारी व भाजपा नेता पीवीएस शर्मा खुद ही सवालों में घिर गए हैं। आयकर विभाग की टीम उनके ही घर छापेमारी करने पहुंच गई। जहां से उनका मोबाइल भी जब्त कर लिया गया। जांच-पड़ताल में उनके पास 10 प्रॉपर्टीज मिलीं, जिनकी मार्केट में वैल्यू 35 करोड़ से ज्यादा बैठी। इसके अलावा उन्हें मुंबई की एक कंपनी से प्रति माह डेढ़ लाख सैलरी मिलने की जानकारी भी सामने आई। साथ ही उनके द्वारा अब तक 90 लाख रुपए कमीशन लिया होने के चर्चे भी शुरू हो गए। जिसके उपरांत पीवीएस शर्मा अपने घर के बाहर ही धरने पर बैठ गए।
संवाददाता ने बताया कि, ट्विटर पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाने के बाद से पीवीएस शर्मा के घर 21 अक्टूबर रात से आयकर विभाग की कार्रवाई चल रही है। अधिकारियों के मुताबिक उन्होंने जांच में भी कोई सहयोग नहीं किया और हर बात पर टेढे जवाब दिए। हालांकि बाद में अधिकारियों द्वारा एफआईआर की बात किए जाने के बाद ही वह शांत हुए। अधिकारियों का कहना है कि, शर्मा ने नौकरी छोड़ने के 15 साल में करोड़ों रुपए की संपत्ति इकट्ठा की है। वर्ष 2005-2006 में उन्होंने वीआरएस लिया था। तब उनकी तनख्वाह 60 हजार रुपये थी। हालांकि आज 15 साल बाद दूसरी कंपनी कुसुम सिलिकॉन में उनकी तनख्वाह डेढ़ लाख रुपये है और पिछले 10 साल में वह कंपनी से 90 लाख रुपये कमीशन भी ले चुके हैं।
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आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, शर्मा के दस्तावेज में साढ़े 6 करोड़ की लोन है। तो उसके घर से तीन लाख रुपये कैश मिले हैं। इसके अलावा बैंक एकाउंट से 10 लाख रुपये समेत तीन लॉकर भी मिले हैं। इन लॉकर्स के खुलने के बाद और भी चौंकाने वाली हकीकत सामने आने की संभावना आईटी अधिकारियों ने जताई है। साथ-साथ ही चार लक्जरी कार, फ्लैट, फार्म हाउस औऱ बंग्लो समेत 10 प्रॉपर्टीज को सील किया गया है।