नमक और ग्लूकोज से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वालों का नेटवर्क ध्वस्त, मास्टरमांइड रिमांड पर
सूरत। नमक और ग्लूकोज से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह का गुजरात के कई जिलो में पर्दाफाश हुआ है। सूरत क्राइम ब्रांच ने मोरबी पुलिस से हिरासत में लेकर जिन आरोपितों से पूछताछ की, कोर्ट ने उन्हें तीन दिन के रिमांड पर लेने के आदेश दिए। पूछताछ में 2 आरोपितों ने कुबूला कि, वे 500 से ज्यादा नकली इंजेक्शन बेच चुके थे। जिनसे पुलिस ने 112 इंजेक्शन बरामद भी किए हैं।
फार्म
हाउस
में
लगी
फैक्ट्री,
हजारों
नकली
इंजेक्शन
बनाए
बता
दिया
जाए
कि,
उक्त
गिरोह
पर
सबसे
पहले
1
मई
को
मोरबी
पुलिस
ने
छापा
मारा
था।
यह
गिरोह
सूरत
के
निकट
पिंजरत
गांव
के
फॉर्म
हाउस
पर
सक्रिय
था।
रातों-रात
करोड़पति
बनने
के
लालच
में
लोगों
की
जिंदगी
से
खिलवाड़
करने
वाले
इस
गिरोह
के
कौशल
व
उसके
मित्र
पुनीत
अब
क्राइम
ब्रांच
की
रिमांड
पर
हैं।
पुलिस
निरीक्षक
तेजस
गढ़वी
ने
बताया
कि,
अदाजण
श्याम
सृष्टि
अपार्टमेंट
निवासी
कौशल
वोरा
व
मुंबई
मीरा
रोड़
निवासी
पुनीत
शाह
ने
पिंजरत
गांव
के
फार्म
हाउस
में
लगाई
फैक्ट्री
में
हजारों
नकली
रेमडेसिविर
इंजेक्शन
तैयार
किए
थे।
फिर
इन
इंजेक्शन
को
उन्होंने
गुजरात
ही
नहीं
अपितु
देशभर
के
कोरोना
मरीजों
तक
पहुंचाने
का
नेटवर्क
भी
तैयार
किया।
देशभर
में
किए
सप्लाई,
जिनसे
लोगों
बेमौत
मरे
नकली
रेमडेसिविर
इंजेक्शन
की
शीशियों
को
वे
मुंह-मांगे
दामों
पर
गुजरात,
मध्यप्रदेश,
महाराष्ट्र,
राजस्थान,
झारखंड
और
छत्तीसगढ़
समेत
कई
राज्यों
में
बेचते
थे।
पुलिस
की
पूछताछ
में
दोनों
आरोपियों
मास्टरमाइंड
कौशल
और
उसके
साथी
पुनीत
ने
10
हजार
रुपए
से
भी
ज्यादा
कीमत
में
नकली
इंजेक्शन
बेचने
की
बात
मानी
है।
उन्होंने
यह
भी
माना
है
कि,
कोरोना
मरीजों
की
परिजनों
की
मजबूरी
का
फायदा
उठाने
में
कोई
कसर
नहीं
छोड़ी।
हालांकि,
जब
मोरबी
में
एक
डॉक्टर
द्वारा
इंजेक्शन
पर
संदेह
जताने
पर
यह
मामला
पुलिस
के
पास
पहुंचा
तो
उनका
नेटवर्क
ध्वस्त
हो
गया।