'6 सालों से बीजेपी के संपर्क में थे हार्दिक पटेल', कांग्रेस नेताओं ने लगाया बड़ा आरोप
गांधीनगर, 18 मई: बीते 4 दिनों में कांग्रेस को दूसरा बड़ा झटका लगा है। पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। वहीं अब गुजरात कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल ने आखिरकार बुधवार को कांग्रेस से अपना इस्तीफा दे दिया। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले यह कांग्रेस के लिए हार्दिक पटेल का पार्टी छोड़ना बड़ा झटका माना जा रहा है। इस बीच अब कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि हार्दिक पटेल छह साल से बीजेपी के संपर्क में थे।
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लगातार कांग्रेस को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करने वाले हार्दिक पटेल ने पार्टी को गुड बॉय बोल दिया है। हार्दिक पटेल के कांग्रेस छोड़ने के साथ अब गुजरात में पार्टी के नेताओं ने उन पर हमला करना शुरू कर दिया। किसी ने उनको बेईमान तो किसी ने उनको अवसरवादी करार दिया। साथ ही आरोप लगाया कि पिछले 6 वर्षों से सत्तारूढ़ भाजपा के संपर्क में हैं। गुजरात के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस्तीफे में जो शब्द उन्होंने लिखे हैं, वो बीजेपी के हैं।
तीन साल पहले कांग्रेस में शामिल होने वाले पाटीदार नेता ने बुधवार को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर गुजरात और गुजरातियों से नफरत करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया। इस साल के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे अपने त्याग पत्र में पटेल ने कहा कि वह गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। अब गुजरात के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने उन पर अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने पाटीदार समुदाय को धोखा देने का आरोप लगाया। वहीं राज्य कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा ने हार्दिक पटेल पर अन्य दलों के साथ बैक डोर डिलिंग का आरोप लगाया। और यह भी दावा किया कि उनमें अनुशासन की कमी है।
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पत्रकारों से बात करते हुए शर्मा ने कहा, "हार्दिक बेईमानी और धोखाधड़ी की राजनीति में लिप्त थे। कांग्रेस ने उन्हें पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान एक स्टार प्रचारक बनाया। वह अपने भाषणों में भाजपा की आलोचना करते थे। अचानक क्या बदल गया है? वह संपर्क में थे। शर्मा ने आरोप लगाया कि हालांकि पटेल को गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन वे पूरी राज्य पार्टी इकाई पर पूरा कंट्रोल चाहते थे।