अहमदाबाद बना गुजरात का चौथा ऐसा शहर, जहां सड़कों पर नहीं बिकेगा मांसाहार, आखिर क्यों?
अहमदाबाद। गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद में भी मुख्य सड़कों पर अब मांसाहारी भोजन नहीं बिकेगा। अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) की टाउन प्लानिंग एंड एस्टेट मैनेजमेंट कमेटी ने तय किया है कि, मुख्य सड़कों से मांसाहारी भोजन बेचने वाली सभी गाड़ियों और स्टालों को हटाया जाएगा। इससे पहले ऐसी ही कवायद राजकोट, वडोदरा और भावनगर जिलों में हो चुकी है। नगर निगमों के नेताओं की "सिर्फ शाकाहार दिखे" , कोशिश के तहत अहमदाबाद गुजरात का चौथा ऐसा शहर है, जहां खुले में मांसाहारी खाद्य नहीं बिकने दिया जाएगा।
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल कह रहे हैं कि लोगों को क्या खाना और क्या नहीं, इससे हमारी सरकार को कोई दिक्कत नहीं है। वहीं, अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) के स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे अहमदाबाद से विधायक पटेल का कहना है कि, पिछले कुछ दिनों से फूड-बिक्री करने वाली रेहड़ी-थड़ी आदि को लेकर सख्ती इसलिए बरती जा रही है, ताकि सड़कों पर यातायात बाधित न हो और साफ-सफाई दिखे। उन्होंने कहा कि, "यदि लोगों की पसंद का खाना मांसाहार है तो उससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। हां, इन गाड़ियों पर बेचा जाने वाला भोजन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होना चाहिए और यदि वे यातायात में बाधा डालते हैं, तो नगर निगम उन्हें हटा सकता है। लेकिन ये वेज/नॉन-वेज का मुद्दा नहीं है, कोई भी जो चाहे खा सकता है, हमें उस पर कोई आपत्ति नहीं है।"
शनिवार को, भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल ने भी कहा कि हमने वडोदरा और राजकोट नगर निगमों में अधिकारियों से बात की थी और उनसे कहा था कि वे सड़कों से मांसाहारी भोजन की गाड़ियां न हटाएं। उन्होंने कहा, "इन खाद्य गाड़ियों को हटाने का निर्णय नेताओं (नगर निगमों में) की व्यक्तिगत राय थी। राज्य भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं है। हम इसे पूरे राज्य में लागू नहीं करेंगे।"
गौर करने वाली बात यह है कि, अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) की टाउन प्लानिंग एंड एस्टेट मैनेजमेंट कमेटी ने एक ही दिन में मुख्य सड़कों से मांसाहारी भोजन बेचने वाली सभी गाड़ियों और स्टालों को हटाने का फैसला ले लिया, और इसी के साथ अहमदाबाद चौथा नगर निगम बन गया, जहां इस तरह के निर्देश जारी किए गए। इससे पहले राजकोट, वडोदरा और भावनगर नगर निगमों के नेताओं ने मुख्य सड़कों से मांसाहारी-भोजन की गाड़ियां हटाने के लिए इसी तरह के निर्देश जारी किए थे।
इस
बारे
में
बात
करते
हुए
एएमसी
की
टाउन
प्लानिंग
एंड
एस्टेट
मैनेजमेंट
कमेटी
के
अध्यक्ष
देवांग
दानी
ने
कहा,
"मंगलवार
सुबह
से
जांच
करने
और
मुख्य
सड़कों
से
अंडा
और
मांसाहारी
भोजन
बेचने
वाली
गाड़ियों
को
हटाने
के
लिए
एस्टेट
विभाग
को
आदेश
जारी
किए
गए
हैं।
कल
सुबह
से
इन्हें
हटा
दिया
जाएगा।
साथ
ही,
धार्मिक
स्थलों,
उद्यानों,
सार्वजनिक
स्थानों,
स्कूलों
और
कॉलेजों
के
100
मीटर
के
दायरे
में
इन
गाड़ियों
पर
प्रतिबंध
लगा
दिया
गया
है।
देवांग
ने
कहा,
"विशेष
रूप
से
सुबह
की
सैर
करने
वालों,
धार्मिक
स्थलों
पर
जाने
वाले
निवासियों
और
माता-पिता
से,
इन
गाड़ियों
से
दुर्गंध
आने
की
शिकायतें
थीं।
वे
छोटे
बच्चों
के
दिमाग
पर
नकारात्मक
प्रभाव
छोड़
रहे
थे।,
"
गुजरात की "पहचान और "परंपरा" का हवाला देते हुए, एएमसी राजस्व समिति के अध्यक्ष जैनिक वकील ने शनिवार को नगर आयुक्त और स्थायी समिति को सड़कों पर मांसाहारी भोजन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए लिखा था, ताकि अवैध रूप से हुए या गैर-कानूनी रूप से किए गए अतिक्रमण को तुरंत हटाया जा सके। इनमें शहर की सार्वजनिक सड़कों, धार्मिक और शैक्षणिक स्थानों और अन्य स्थानों पर खडे़ रहने वाले धंधे वाले शामिल हैं।