up government scheme कलाकारों के लिए सरकार की नई योजना,ऐसे उठाएं इसका लाभ
कलाकारों के लिए संस्कृति विभाग ने एक अच्छी पहल की है।अब लोकवाद्यों व उनके कलाकारों को विभाग वाद्ययंत्रों की खरीद के लिए आर्थिक मदद देगा।इससे उन कलाकारों को राहत मिलेगी जो आर्थिक रुप से कमजोर हैं और उनकी कला इसके अभाव में
गोरखपुर,24सितंबर: कलाकारों के लिए संस्कृति विभाग ने एक अच्छी पहल की है।अब लोकवाद्यों व उनके कलाकारों को विभाग वाद्ययंत्रों की खरीद के लिए आर्थिक मदद देगा।इससे उन कलाकारों को राहत मिलेगी जो आर्थिक रुप से कमजोर हैं और उनकी कला इसके अभाव में प्रभावित हो जाती है।अब कलाकार अपनी पसंद के वाद्य यंत्र खरीद सकेंगे और अपनी कला को निखार सकेंगे।आईये विस्तार से जानते हैं कि योजना क्या है और इसके लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं।
संस्कृति
विभाग
क्या
है
संस्कृति
विभाग,
उत्तर
प्रदेश
अपनी
विविध
इकाईयों
एवं
अधीनस्थ
संस्थाओं
द्वारा
विभागीय
प्रेक्षाग्रहों
सभागारों
में
सभी
विधाओं
के
गायन,
वादन,
नृत्य,
नाटक
आदि
की
प्रस्तुतियां,
संगोष्ठी,
सेमिनार
तथा
पेंटिंग
आदि
नियमित
आयोजित
करता
हैं।
कला
के
माध्यम
से
ही
संस्कृति
हमारे
जीवन
में
अभिव्यक्ति
पाती
है।
कला
अपने
सांस्कृतिक
सरोकारों
के
साथ
आगे
बढ़ती
है।
इसकी
अभिव्यक्ति
कला
के
विविध
रूपों
(संगीत,
नृत्य,
नाटक
,चित्रकला
,स्थापत्य
कला,
सिनेमा
,फोटोग्राफी,
साहित्य
आदि
)
में
जीवंत
होती
है।
क्या
है
योजना
गीत
,नृत्य,नाटक,चित्रकला,सिनेमा
सहित
कई
कलाओं
को
सरकार
लगातार
बढ़ावा
दे
रही
है।इसी
क्रम
में
सरकार
ने
वाद्यकलाकारों
को
बढावा
देने
की
नई
योजना
बनाई
है।
इस
योजना
को
लोक
कलाकार
वाद्ययंत्र
क्रय
योजना
नाम
दिया
है।
इस
योजना
का
उद्देश्य
वाद्यकलाकारों
को
लगातार
बढ़ावा
देना
है।
क्षेत्रीय
संस्कृति
विभाग
और
लोककला
संरक्षक
इस
मकसद
को
पूरा
करने
में
हैं।
वह
कलाकारों
की
सूची
बनाकर
योजना
का
लाभ
उठाने
के
लिए
उन्हें
प्रेरित
कर
रहे
हैं।
योजना
का
लाभ
उन
कलाकारों
को
मिलेगा,
जो
कम
से
कम
बीते
पांच
वर्ष
से
लोकवाद्य
बजा
रहे
हैं
और
सांस्कृतिक
विभाग
के
कार्यक्रम
में
अपनी
कला
की
प्रस्तुति
दे
रहे
हैं।
पहले
कराएं
पंजीकरण
संस्कृति
विभाग
की
ई-डायरेक्ट्री
में
पंजीकरण
कराना
अनिवार्य
है।
वाद्ययंत्रों
की
अनुदान
राशि
कलाकारों
के
खाते
में
उपलब्ध
कराई
जाएगी।
उन्हें
अपने
वाद्य
का
एस्टीमेट
देना
होगा।
अनुदान
मिलने
के
15
दिन
के
अंदर
कलाकार
को
वाद्य
खरीद
लेना
होगा
और
उसका
साक्ष्य
संस्कृति
विभाग
को
देना
होगा।
संस्कृति
विभाग
का
सहयोग
यहीं
नहीं
थमेगा,
अनुदान
से
वाद्ययंत्र
लेने
वाले
कलाकार
को
विभाग
अपने
आगामी
आयोजनों
में
प्रस्तुति
का
अवसर
देगा।
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इस
तिथि
तक
करें
आवेदन
लोकवाद्य
कलाकार
वाद्ययंत्र
क्रय
योजना
का
लाभ
उठाने
के
लिए
संस्कृति
विभाग
की
वेबसाइट
http://upculture.up.nic.in
15
अक्टूबर
तक
आवेदन
कर
सकते
हैं।
जो
कलाकार
इस
तरह
की
किसी
योजना
का
लाभ
पहले
ले
चुके
हैं,
वह
इसके
पात्र
नहीं
होंगे।नगाड़ा,
ढोलक,
मृदंग
,
खजड़ी,
ताशा,
सिंद्या,
सारंगी,
इकतारा,
करताल,
कसावर,
शहनाई,
बांसुरी,
झाल,
झांझ,
मजीरा,
जोड़ी,
चंग,
ढपली,
ढपली,
शंख,
घुंघरू
आदि
वाद्य
यंत्र
इसमें
शामिल
हैं।
संगीत
नाट्य
अकादमी
के
सदस्य
राकेश
श्रीवास्तव
ने
कहा
कि
सरकार
का
सराहनीय
कदम
है।इससे
लोक
कलाकारों
को
बढ़ावा
मिलेगा।खासकर
उन
कलाकारों
को
जो
धन
के
आभाव
में
अपनी
कला
को
आगे
नहीं
ले
जा
पा
रहे
थे।