Gorakhpur News: बहनों ने भाइयों की कलाई पर बांधी राखी,हर्षोल्लास के साथ मना रक्षाबंधन
गोरखपुर में रक्षाबंधन का पर्व शुक्रवार को हर्षोल्लास से मनाया गया। भद्रा के चलते पर्व के मुहूर्त को लेकर असंमजस जरूर रहा। लेकिन किसी ने गुरुवार को शुभ मुहूर्त में राखी बंधवाई तो किसी ने आज। गोरखपुर में अधिकांश परिवारों म
गोरखपुर,12 अगस्त: गोरखपुर में रक्षाबंधन का पर्व शुक्रवार को हर्षोल्लास से मनाया गया। भद्रा के चलते पर्व के मुहूर्त को लेकर असंमजस जरूर रहा। लेकिन किसी ने गुरुवार को शुभ मुहूर्त में राखी बंधवाई तो किसी ने आज। गोरखपुर में अधिकांश परिवारों में शुक्रवार को ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। बहनों ने भाईयों की आरती उतारकर उनकी कलाई पर राखी बांधी तो भाईयों ने उन्हें उपहार भेंटकर उनकी रक्षा का वचन दिया।
शभ
मुहूर्त
में
राखी
बंधवाने
के
लिए
सुबह
ही
जगे
लोग
कुछ
ज्योतिषाचार्यों
के
हिसाब
से
शुक्रवार
सुबह
सवा
सात
बजे
तक
ही
रक्षाबंधन
का
शुभ
मुहूर्त
था।इस
शुभ
मुहूर्त
में
राखी
बंधवाने
के
लिए
लोग
सुबह
ही
जग
गए
थे।
सुबह-सुबह
ही
सड़कों
पर
भीड़
देखने
को
मिली।
लोग
नियत
समय
पर
पहुंचने
की
जल्दी
में
दिखे।
सामान्यत:
दिनभर
लोग
राखी
बंधवाते
नजर
आए।शुभ
मुहूर्त
में
बहनों
ने
भाइयों
को
रक्षासूत्र
बांधकर
लंबी
उम्र
की
कामना
की।
शिवालयों
में
उमड़े
श्रद्धालुओं
आज
सावन
आखिर
दिन
था।सुबह
सवा
सात
बजे
तक
श्रवण
मास
था।
आखिर
दिन
होने
के
कारण
सुबह
से
ही
शिवालयों
में
श्रद्धालुओं
की
भारी
भीड़
रही।लोगों
विधि-विधान
से
भगवान
शिव
की
पूजा
अर्चना
की
व
जलाभिषेक
किया।
इसके
बाद
सभी
रक्षाबंधन
पर्व
मनाने
निकल
पड़े।
इंद्रप्रस्थपुरम,पादरी बाजार के रहने वाले जगदीश लाल कहते है कि भाई-बहन के पवित्र प्यार का यह प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार सभी त्योहारों में सर्वश्रेष्ठ एवं पवित्र त्यौहार है। बहन भाई के कलाई पर राखी बांधकर उनके दीर्घायु होने की कामना करती है ,वही भाई से रक्षा का वचन लेती है।
जानिए
क्यों
भद्रा
मुहूर्त
में
नहीं
बांधनी
चाहिए
राखी
हिंदू
मान्यता
के
अनुसार
भद्रा
काल
में
शुभ
कार्य
नहीं
किए
जाते
हैं,
इसलिए
भद्रा
काल
के
समय
राखी
बंधवाना
अच्छा
नहीं
माना
जाता
है.
हिंदू
धर्म
में
ऐसी
मान्यता
है
कि
भद्रा
काल
में
किए
गए
कार्य
अशुभ
होते
हैं
और
उनका
परिणाम
भी
अशुभ
होता
है,
इसलिए
भद्रा
काल
के
समय
कभी
भी
भाइयों
को
राखी
नहीं
बांधनी
चाहिए.