Gorakhpur News: झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन लगाने से हो गई थी बच्चे की मौत,हुई गिरफ्तारी
गोरखपुर पुलिस ने कैंट थानाक्षेत्र से बच्चे की मौत मामले में वांछित आरोपित झोलाझाप डॉक्टर को बुधवार की सुबह इंजीनियरिंग कॉलेज से गिरफ्तार किया। सोमवार को झोलाछाप डॉक्टर विजय के इंजेक्शन लगाने से एक बालक की मौत हो गयी थी।
गोरखपुर,10 अगस्त: गोरखपुर पुलिस ने कैंट थानाक्षेत्र से बच्चे की मौत मामले में वांछित आरोपित झोलाझाप डॉक्टर को बुधवार की सुबह इंजीनियरिंग कॉलेज से गिरफ्तार किया। सोमवार को झोलाछाप डॉक्टर विजय के इंजेक्शन लगाने से एक बालक की मौत हो गयी थी। पुलिस मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश कर रही थी।
कंदराई
निवासी
लालचंद
यादव
का
12
वर्षीय
पुत्र
प्रिंस
यादव
पांचवी
में
पढ़ता
था।
उसके
दाहिने
पैर
का
अंगूठे
में
नाखून
धंस
रहा
था।
प्रिंस
की
मां
सोमवार
की
शाम
को
विजय
से
अपने
बेटे
के
पैर
पर
बैंडेज
लगवाने
गई
थी।
प्रिंस
की
मां
पूनम
ने
बताया
कि
विजय
ने
उसके
बेटे
के
पैर
की
पट्टी
खोली
और
उसे
दो
इंजेक्शन
दे
दिया।
इंजेक्शन
लगने
के
बाद
प्रिंस
की
तबीयत
और
खराब
हो
गई।
उसके
मुंह
से
झाग
आने
लगा।
झोलाछाप
ने
पूनम
को
रुपये
लाने
के
लिए
घर
भेजा
और
प्रिंस
को
लेकर
वह
जिला
अस्पताल
निकल
गया।
इस
दौरान
वहां
पूनम
अपने
जेठ
के
लड़के
साथ
पहुंच
गई।
उन्हें
देखकर
विजय
चकमा
देकर
वहां
से
भाग
निकला।
जिला
अस्पताल
के
चिकित्सकों
ने
प्रिंस
को
मृत
घोषित
कर
दिया
था।
लालचंद
बंगलौर
में
मजदूरी
करते
हैं।
वह
आठ
दिन
पूर्व
ही
स्वजन
को
घर
छोड़कर
काम
करने
के
लिए
बंगलौर
गए
थे।
बेटे
की
मौत
की
खबर
सुनकर
उनकी
आवाज
ही
थम
गई।
एसपी साउथ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि बच्चे के मौत के मामले मुकदमा दर्ज कर आरोपित की तलाश की जा रही थी।बुधवार सुबह उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
झोलाछाप
डॉक्टर
ले
रहें
मरीजों
की
जान
ग्रामीण
अंचलों
में
झोलाछाप
डॉक्टर
ग्रामीणों
की
जान
जोखिम
में
डाल
रहे
हैं।
गौरतलब
है
कि
मरीज
चाहे
उल्टी,
दस्त,
खांसी,
बुखार
से
पीड़ित
हो
या
फिर
अन्य
कोई
बीमारी
से।
सभी
बीमारियों
का
इलाज
यह
झोलाछाप
डॉक्टर
करने
को
तैयार
हो
जाते
हैं।
खास
बात
यह
है
कि
अधिकतर
झोलाछाप
डॉक्टरों
की
उम्र
30
से
35
साल
के
बीच
है।
मरीज
की
हालत
बिगड़ती
है
तो
उससे
आनन
फानन
में
जिला
अस्पताल
भेज
देते
हैं।
जबकि
यह
लापरवाही
स्वास्थ्य
विभाग
के
आला
अधिकारियों
की
जानकारी
में
भी
है।
फिर
भी
कार्रवाई
नहीं
की
जा
रही।
फर्जी
डॉक्टर
दवाओं
का
भंडारण
भी
करते
हैं
झोलाछाप
चिकित्सकों
द्वारा
बिना
पंजीयन
के
एलोपैथी
चिकित्सा
व्यवसाय
ही
नहीं
किया
जा
रहा
है।
बल्कि
बिना
ड्रग
लाइसेंस
के
दवाओं
का
भंडारण
व
विक्रय
भी
अवैध
रूप
से
किया
जा
रहा
है।
दुकानों
के
भीतर
कार्टून
में
दवाओं
का
अवैध
तरीके
से
भंडारण
रहता
है।