गोरखपुर: दोस्ता का IDEA मानकर व्यापारी से मांगी थी 20 लाख की फिरौती, अब दो दोस्त पहुंचे जेल
गोरखपुर: दोस्ता का IDEA मानकर व्यापारी से मांगी थी 20 लाख की फिरौती, अब पहुंच गया जेल
गोरखपुर, 21 सितंबर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से काफी चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान हो गया। दरअसल, पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने एक व्यापारी से 20 लाख की रंगदारी मांगी थी। पूछताछ में पकड़े गए शख्स ने जो बताया उसे सुनकर पुलिसकर्मी भी हैरान रहे गए। पुलिस गिरफ्त में आए दोनों शख्स ने बताया कि उन्होंने ऐसा अपने दोस्त के आइडिया को मानकर ऐसा किया था। दोस्त के आइडिया ने दोनों युवकों को जेल भिजवा दिया।
यह मामला गोरखपुर के सिकरीगंज इलाके का है। प्राप्त समाचार के मुताबिक, 18 जुलाई को रामडीह निवासी व्यापारी अयोध्या प्रसाद जायसवाल से इंटरनेट कॉल के जरिए 20 लाख रुपए की रंगदारी मांगे जाने का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने साइबर सेल की मदद से दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, पकड़े गए बदमाशों का कहना है कि उन्होंने मजाक में ऐसा किया था, लेकिन पुलिस ने उनका मोबाइल और सिम बरामद कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान दुर्गेश उर्फ हनुमान शुक्ला और उत्कर्ष उर्फ विपुल के रूप में हुई।
एसपी साउथ कुमार सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बता कि पकड़े गए दुर्गेश ने पूछताछ में बताया कि उसके गांव का उत्कर्ष उर्फ विपुल कुमार ने उसके मोबाइल में फेक कॉल एप डाउनलोड किया। कहा कि इससे किसी को गाली-धमकी दोगे तो तुम्हे कोई पकड़ नहीं सकेगा। इसके बाद उसने मोबाइल ऐप से सिकरीगंज के व्यवसायी को कॉल करके 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी। न देने पर गोली मार कर हत्या करने की धमकी तक दे डाली।
विपुल ने पूछताछ में बताया कि उसके गांव के दुर्गेश उर्फ हनुमान शुक्ला मेरे पास आया और कहा कि मुझे एक फर्जी सिम चाहिए। उससे किसी को गाली-धमकी देनी है, जिससे मैं पकड़ा न जा सकूं। उत्कर्ष ने कहा कि मेरे पास फर्जी सिम तो नहीं है, लेकिन एक मोबाइल ऐप डाउनलोड कर दूंगा, जिससे तुम किसी को भी कॉल करोगे तो पकड़े नहीं जाओगे। इसके बाद उत्कर्ष ने हनुमान के फोन में फेक कॉल ऐप डाउनलोड करके उसे एक कॉल करके दिखाया। ऐप देख हनुमान पूरी तरह निश्चिंत हो गया और उसने गल्ला व्यापारी अयोध्या जायसवाल को कॉल कर 20 लाख की रंगदारी मांगी।
हालांकि, इस बीच यह मामला मीडिया में सामने आने के बाद दोनों को इस बात का एहसास हो गया कि वे पकड़े जा सकते हैं, लेकिन उत्कर्ष ने हनुमान के मोबाइल से ऐप डिलीट करा दिया और कहा कि अब कुछ नहीं होगा। पुलिस के मुताबिक, दुर्गेश उर्फ हनुमान ने प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ चुका है और वे 2 वोट से हार गया था, जबकि उत्कर्ष एसएससी की तैयारी करता है। पुलिस को तभी से दोनों की तलाश थी। साइबर सेल की मदद से पुलिस ने सोमवार को दोनों को गिरफ्तार कर लिया।