गोवा में गठबंधन ना करने पर शिवसेना ने कांग्रेस पर कसा तंज, राउत बोले-हमने कोशिश, लेकिन....
मुंबई, 19 दिसंबर: महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी गठबंधन प्रयोग को गोवा विधानसभा चुनाव में दोहराने के शिवसेना के प्रस्ताव पर कांग्रेस द्वारा उत्साह नहीं दिखाए जाने पर संजय राउत ने तंज कसा है। कांग्रेस को यह लगता है कि वह गोवा में खुद के दम पर सरकार बना लेगी। इसी वजह से कांग्रेस ने गोवा में एकला चलो का नारा दिया है। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस ने हमारी महाविकास अघाड़ी पैटर्न को दोहराने की कोशिश को नाकाम साबित कर दिया।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि, हमने कांग्रेस के साथ चर्चा की लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला। शिवसेना और राकांपा ने गोवा में महाराष्ट्र की तरह 'महा विकास अघाड़ी' बनाने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस नेताओं को लगता है कि वे अपने दम पर बहुमत हासिल कर सकते हैं। संजय राउत ने आगे कहा कि भले ही राज्य में कांग्रेस का साथ हमें नहीं मिल सका लेकिन एनसीपी के साथ हमारी बातचीत लगातार चल रही है। उन्होंने कहा कि शिवसेना-एनसीपी के गठबंधन का ऐलान जल्द होने की उम्मीद है।
संजय राउत की एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के साथ अहम बैठक होनी है। माना जा रहा है इस बैठक में गठबंधन और चुनावी फॉर्मुले को लेकर मुहर लग सकती है। संजय राउत ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि गोवा में हम बहुत अधिक सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि गोवा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर है। राउत ने कहा कि गोवा में हम बहुत ज्यादा सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, हमें अपनी मर्यादा पता है। उन्होंने कहा कि गोवा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच में लड़ाई है। गोवा में तृणमूल कांग्रेस 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। हालांकि वे मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं दे पाए हैं।
वहीं राकांपा नेता प्रफुल पटेल ने कहा कि, हमने कांग्रेस को संयुक्त रूप से गोवा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया, लेकिन ये व्यर्थ रहा। उन्होंने न तो हां कहा और न ही मना किया ... राकांपा और शिवसेना संयुक्त रूप से गोवा चुनाव लड़ेंगे, सभी 40 सीटों पर नहीं, बल्कि पर्याप्त संख्या में। पहली सूची कल जारी हो सकती है, उसके बाद अन्य सूचियां जारी होंगी।
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महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने शिवसेना नेता संजय राउत के आरोपों पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन पर फैसला हम नहीं बल्कि कांग्रेस आलाकमान करती है। महाराष्ट्र में बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए सोनिया गांधी ने शिवसेना- एनसीपी के साथ गठबंधन पर मोहर लगाई थी। हालांकि अन्य राज्यों में कांग्रेस की स्थिति बेहतर है। ऐसे में शिवसेना और एनसीपी के साथ गठबंधन करने की कोई जरूरत दिखाई नहीं पड़ती। यह कोई जबरदस्ती की बात नहीं है। हमारी पार्टी अलग है उनकी अलग।
इससे पहले शिवसेना के नेता संजय राउत ने गुरूवार को कहा था कि गोवा में कांग्रेस के केवल तीन विधायक हैं। पार्टी के विधायकों ने सामूहिक रूप से पार्टी छोड़ दी। अहम राजनीतिक दलों के तौर पर हमने (शिवसेना एवं राकांपा) ने कांग्रेस को उसकी इस मुश्किल घड़ी में सहयोग की पेशकश की थी,लेकिन मैं नहीं जानता कि कांग्रेस क्या सोच रही है। यदि वह अपने बलबूते चुनाव लड़ती है तो वह इकाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकती।