यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर हिरासत में लिए गए यति नरसिंहानंद, जानें क्यों जाना चाहते थे गांधी समाधि पर ?
गाजियाबाद, 20 सितंबर : डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर और जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि को गाजियाबाद पुलिस ने मंगलवार सुबह हिरासत में ले लिया है। वह आज दिल्ली में राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि के पास उपवास पर बैठने वाले थे। इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें यूपी-दिल्ली बॉर्डर से हिरासत में ले लिया। यति को फिलहाल थाना कौशांबी में रखा गया है। बता दें, 'सिर तन से जुदा' करने जैसी धमकियों को लेकर यति उपवास पर बैठने वाले थे। कौशांबी थाना प्रभारी प्रभात दीक्षित का कहना है कि एहतियातन नरसिंहानंद गिरी को रोका गया है। इस संबंध में खुफिया इनपुट मिले थे। उसी के आधार पर कार्रवाई की गई है।
यति नरसिंहानंद का कहना है कि वह पूरे देश मे हो रहे हिंदुओ पर सुनियोजित अत्याचार के विरोध में और लोगों को लगातार मिल रही 'सर कलम' करने की धमकियों के विरोध में गांधी समाधि पर एक दिवसीय उपवास करने दिल्ली जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बार्डर पर ही रोक लिया और कौशांबी थाने लेकर आ गई।
'सर तन से जुदा' वाली धमकी निकली झूठी, डॉक्टर ने लोकप्रियता पाने के लिए रची थी साजिश
बता दें, यति नरसिंहानंद गिरि अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। पिछले दिनों अपने एक बयान में उन्होंने कहा था कि, ''आज इस्लामिक जिहादियों द्वारा जितना अत्याचार हिंदुओं पर किया जा रहा है, वो अवर्णनीय है। बहुत ही सुनियोजित तरीके से हर दिन इस्लाम के जिहादी किसी ना किसी हिंदू की हत्या करते हैं और प्रतिवर्ष लाखों हिंदू बेटियों को बर्बाद कर देते हैं। जो हिंदुओं की आत्मरक्षा के लिए आवाज उठाता है, उसे 'सिर तन से जुदा' करने की धमकियां दी जाती हैं।'' यति ने कहा कि देश में हिंदुओं की दुर्दशा के पीछे गांधी की विचारधारा है, जो आज हर राजनेता का वैचारिक आदर्श बन चुका है। इसलिए गांधी को ही हिंदुओं के विनाश का जिम्मेदार समझते हुए मुझे गांधी प्रतिमा पर एक दिवसीय उपवास रखकर अनुयायियों का ध्यान इस कत्लेआम की तरफ दिलाना था।