मोदी करेंगे 1000 करोड़ के उमिया धाम का शिलान्यास, 2 लाख पाटीदारों संग 10 लाख लोग जुटेंगे
Gujarat News, गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व उमिया फाउंडेशन (वीयूएफ) द्वारा अहमदाबाद में विकसित किए जा रहे 1,000 करोड़ रुपये के उमिया धाम का शिलान्यास करेंगे। शिलान्यास का यह आयोजन 4 मार्च को होगा, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने प्रधानमंत्री के दौरे की पुष्टि की है।
10 लाख भक्तों की मौजूदगी में होगा इस धाम का शिलान्यास
प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक, मोदी अगले महीने गुजरात दौरा कर रहे हैं। शिलान्यास कार्यक्रम में कड़वा पाटीदार समुदाय यानी विश्व उमिया फाउंडेशन के संस्थापक आरपी पटेल, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल समेत धार्मिक हस्तियां भाग लेंगी। पूरे गुजरात समेत देश-दुनिया के करीब 10 लाख भक्त जुटेंगे। जिनमें करीब 2 लाख पाटीदारों के भी शामिल होने के आसार हैं।"
2 लाख वर्ग मीटर में तैयार होगा उमिया धाम
गुजरात में पाटीदारों के विश्व उमिया फाउंडेशन (वीयूएफ) द्वारा एक विशाल मंदिर कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा। अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच वैष्णो देवी सर्कल के पास यह 2 लाख वर्ग मीटर के क्षेत्र में बनेगा। दावा है कि फाउंडेशन ने मंदिर और कम्युनिटी कॉम्प्लेक्स के लिए 3 घंटे में 150 करोड़ रुपए जुटा लिए थे। मां उमिया मंदिर के अलावा, परिसर में एक एनआरआई गेस्ट हाउस, एक कन्वेंशन हॉल, लड़कों और लड़कियों के लिए छात्रावास और वरिष्ठ नागरिकों और सामान्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सुविधाएं शामिल होंगी।
लोकसभा चुनावों पर भी पड़ेगा असर?
उमिया धाम के शिलान्यास को आगामी लोकसभा इलेक्शन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उमिया धाम की आधारशिला रखेंगे, वहीं पाटीदारों की उनसे नाराजगी भी खत्म हुई मानी जा रही है। इसका मतलब यह होगा कि हार्दिक पटेल के नेतृत्व में जो पाटीदार आरक्षण आंदोलन हुआ था, वही समुदाय अब प्रधानमंत्री मोदी को इस धाम के शिलान्यास में इनवाइट किया है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले का ये मंदिर सब पाटीदारों को एकजुट करेगा और भाजपा इस मौके को भुनाना चाहेगी।
भाजपा की अगुवाई में सफल रही थी उमिया यात्रा
बता दें कि, 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को पाटीदार समुदाय के विरोध का सामना करना पड़ा था, लेकिन भाजपा के कड़वा पटेल नेताओं की अगुवाई में उमिया यात्रा राज्य में सफल रही थी। इस मंदिर के लिये पाटीदार परिवारों ने चंदा दिया है।