गांधीनगर न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

बेसहारा बच्चों के लिये गुजरात में शुरू होगी पालक योजना, 5000 बच्चों को मिलेगा परिवार

Google Oneindia News

Gujarat News, गांधीनगर। पश्चिमी देशों में बच्चों को पालने वाले मॉडल की तरह गुजरात सरकार चिल्ड्रन होम में रहने वाले वंचित बच्चों के लिए एक पालक योजना शुरू करने की योजना बना रही है। इसके तहत कोई भी मां-बाप वंचित बच्चों को गोद ले सकते हैं। संतान विहीन मां-बाप को बच्चा औऱ बच्चों को अपना परिवार मिलेगा। यह योजना सरकार की है, तो वह इसमें भरपूर सहायता भी करेगी।

गुजरात में शुरू होगी पालक योजना

गुजरात में शुरू होगी पालक योजना

गुजरात के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने चिह्नित किया है कि चिल्ड्रन होम में रहने वाले बच्चों को उस समय गहरा आघात पहुंचता है, जब 18 वर्ष की आयु में, राज्य का समर्थन वापस ले लिया जाता है और उन्हें समाज में समायोजित करना मुश्किल होता है। इस स्थिति को मापने के लिए, सरकार बच्चों को पालक माता-पिता के घरों में भेजने के बारे में सोच रही है, जहाँ उन्हें बेहतर पर्यावरण और सामाजिक नेटवर्क मिल सकता है।

सालाना 1.50 लाख से 1.80 लाख रुपये खर्च करेगी

सालाना 1.50 लाख से 1.80 लाख रुपये खर्च करेगी

प्रारंभिक योजना में ऐसे पालक माता-पिता को प्रति माह 3,000 से 5,000 रुपये प्रति बच्चे की भरपाई की जा सकती है। सरकार एसे चिल्ड्रन होम्स में रहने वाले बच्चों के लिये सालाना 1.50 लाख से 1.80 लाख रुपये खर्च करेगी। राज्य के इस विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, इस योजना की घोषणा आगामी बजट सत्र में होने की संभावना है।

देश भर में नियंत्रण बनाए रखने के लिए इस प्राधिकरण का गठन

देश भर में नियंत्रण बनाए रखने के लिए इस प्राधिकरण का गठन

गुजरात में जरूरतमंद माता-पिता, जिनके बच्चें नहीं है वह अनाथ बच्चों को गोद ले सकते है। इन अनाथ बच्चों को परवरिश के लिये कुछ साल तक दिया जाता है। राज्य में, कुल 9 सरकारी संस्थानों और 10 स्वैच्छिक संगठनों को गुजरात सरकार और भारत सरकार द्वारा बच्चों को गोद लेने के लिए मान्यता दी गई है। देश भर में नियंत्रण बनाए रखने के लिए, भारत सरकार द्वारा केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण का गठन किया गया है।

दिशानिर्देशों के अनुसार गोद लेने का कार्य किया जाता है

दिशानिर्देशों के अनुसार गोद लेने का कार्य किया जाता है

केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के अनुसार गोद लेने का कार्य किया जाता है। बच्चे की परवरिश करने के इच्छुक आवेदक के आर्थिक, पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक आदि सभी पहलुओं की जाँच करके बच्चे पालने के लिए दिये जाते हैं।

सरकार अपनी ओर से ग्रांट बढ़ा सकती है

सरकार अपनी ओर से ग्रांट बढ़ा सकती है

चिल्ड्रन होम के कुछ लिमिटेशन है जहां शारीरिक और सोशल चैलेंज देखने को मिलती है। लीगल एडप्शन के लिये कुछ कानूनी प्रक्रिया औऱ कई मुद्दे सामने आते हैं। राज्य सरकार प्रारंभिक तौर पर चिल्ड्रन होम के 5000 बच्चों के लिये पालक माता-पिता की योजना बना रही है। सरकार अपनी ओर से ग्रांट में भी बढावा कर सकती है।

<em>VIDEO: सूरत अग्निकांड में बच्चों की जान बचाने वाला युवक वेंटिलेटर पर, अस्पताल में जूझ रहा मौत से</em>VIDEO: सूरत अग्निकांड में बच्चों की जान बचाने वाला युवक वेंटिलेटर पर, अस्पताल में जूझ रहा मौत से

Comments
English summary
Palak Mata Pita Yojna Scheme in Gujarat - Hindi News
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X