गुजरात: कोई कर्मचारी इधर-उधर घूमता मिला तो दी जाएगी ये अनोखी सजा, सोशल मीडिया पर तारीफ
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात सरकार के स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों के बेजां वक्त बर्बाद करने के खिलाफ एक नया नियम लागू किया गया है। यहां स्वास्थ्य आयुक्त जयंती रवि ने घोषणा की है कि कोई कर्मचारी इधर उधर-घूमता मिला तो उसे योग (Yoga) करने का दंड दिया जाएगा। उसे वहीं सबके समक्ष योग करना पड़ेगा। इस फैसले की सोशल मीडिया पर तारीफ हो रही है। वहीं, कर्मचारी भी इसे वैकल्पिक शिक्षा के तौर पर ले रहे हैं।
'फाल्तू वक्त नहीं करेंगे जाया, करना होगा योग'
स्वास्थ्य आयुक्त जयंती रवि (HEALTH COMMISSIONER DR JAYANTI RAVI) ने विभाग के कर्मचारियों को कहा है कि अगर कोई बिना काम किए इधर-उधर घूमता नजर आता है, तो उसे योग करना होगा। ऐसे में न सिर्फ वह वक्त जाया करने से रुकेगा, बल्कि वह स्वयं को सुधार भी पाएगा। बता दें कि, सरकार के आइएएस अफसर उनके स्टाफ के लिये योगगुरु बन गए हैं। वहीं, जयंती ने यह भी साफ कर दिया है कि योगा क्लास कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक है, इसे अनिवार्य रूप से बतौर सजा भी देख सकते हैं। जब स्वास्थ्य विभाग से जुड़ लोग ही इस ओर ध्यान देंगे तो बाकी लोग भी इसका ध्यान रखेंगे। सबको अपने स्वास्थ्य के बारे में सतर्क रहना पड़ेगा।
कमिश्नरेट में ही शुरू हो गई योग क्लास
वहीं, इस फैसले के बाद कर्मचारियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आयुक्त कचहरी (कमिश्नरेट) में योग शिक्षा शुरू की गई हैं। स्वास्थ्य आयुक्त की ओर से पहले पहले साइकिल की अपील की गई थी। तब कहा गया था कि स्वास्थ्य अगर अच्छा होगा तो आप लोग और अच्छे से काम कर पाएंगे। बाइक या कार छोड़कर साइकिल पर आना चाहिए।
नरेंद्र मोदी ने खर्चे थे 250 करोड़
वैसे, कर्मयोगी का प्रशिक्षण गुजरात में नरेंद्र मोदी ने शुरू कराया था। तब वे मुख्यमंत्री थे तो इस अभियान के लिये 3 साल में 250 करोड़ रुपये का खर्चा भी किया था। हालांकि, उनके दिल्ली में आने के बाद यह प्रशिक्षण बंद हो गया था। अब गांधीनगर स्थित सचिवालय में स्वास्थ्य आयुक्त जयंती रवि ने अपने विभाग के स्तर पर कर्मयोगी प्रशिक्षण शुरू किया है। लोग सोशल मीडिया पर इसकी तारीफ कर रहे हैं।