चुनाव ड्यूटी कर रहे दुष्यंत भट्ट की दिल का दौरा पड़ने से हुई थी मौत, परिवार को अब तक नहीं मिले 15 लाख
Gujarat News, गांधीनगर। लोकसभा चुनाव के दौरान गुजरात में डाक विभाग के एक कर्मचारी दुष्यंत भट्ट की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। तब भारतीय चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा था कि अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी की चुनावी ड्यूटी के दौरान किसी भी कारण से मारा जाता है तो उसके परिवार को सरकार से मुआवजा मिलेगा। मगर, दुष्यंत का परिवार अभी भी मुआवजे के लिए भटक रहा है, क्योंकि कोई उनकी सुन ही नहीं रहा है।
59
वर्षीय
दुष्यंत
भट्ट
डाक
विभाग
में
कार्यरत
थे
जानकारी
के
अुनसार,
59
वर्षीय
दुष्यंत
भट्ट
डाक
विभाग
में
कार्यरत
थे।
चुनावी
ड्यूटी
के
दौरान
लोकसभा
चुनाव
की
वोटिंग
से
कुछ
दिन
पहले
प्रशिक्षण
सत्र
के
दौरान
उनकी
दिल
का
दौरा
पड़ने
की
वजह
से
मौत
हो
गई
थी।
उस
दिन
को
डेढ
महीने
से
अधिक
समय
हो
चुका
है
फिर
भी
परिवारी
जनों
को
मुआवजा
नहीं
मिला
है।
बीमार
थे,
कलेक्टर
ने
फिर
ड्यूटी
पर
लगा
दिया
दंग
कर
देने
वाली
बड़ी
बात
यह
है
कि,
दुष्यंत
भट्ट
ने
अपने
रिटर्निंग
ऑफीसर
को
पत्र
लिखकर
स्वास्थ्य
आधार
पर
चुनावी
ड्यूटी
से
छूट
की
मांग
की
थी,
क्योंकि
उन्हें
क्रॉनिक
हार्ट
की
बीमारी
थी,
लेकिन
उनको
छुट्टी
नहीं
मिली
थी।
दुष्यंत
भट्ट
13
अप्रैल
को
अबमदाबाद
की
बीजे
मेडिकल
कॉलेज
के
सभागार
में
एक
चुनाव-संबंधित
प्रशिक्षण
कार्यक्रम
में
भाग
ले
रहे
थे,
जब
उन्हें
दिल
का
दौरा
पड़ा
और
अस्पताल
ले
जाने
से
पहले
ही
उनकी
मृत्यु
हो
गई।
ऐसे
नामंजूर
कर
दी
गई
थी
अपील
चुनाव
कार्य
से
छूट
के
लिए
उनका
अनुरोध
मंजूर
नहीं
किया
गया
था,
हालांकि
उन्होंने
कलेक्टर
को
लिखा
था
कि
उन्होंने
2012
से
सात
एंजियोग्राफी,
दो
एंजियोप्लास्टी
और
एक
बाईपास
सर्जरी
की
थी।
डाक
विभाग
में
वरिष्ठ
अधिक्षक
दुष्यंत
भट्ट
31
दिसंबर
2019
को
सेवानिवृत्त
होने
वाले
थे।
दुष्यंत
भट्ट
की
पत्नी
भारती
भट्ट
ने
कहा
कि,
उन्होंने
कलेक्टर
को
अपनी
चिकित्सा
स्थिति
के
बारे
में
बताते
हुए
लिखा
और
स्वास्थ्य
के
आधार
पर
चुनाव
ड्यूटी
से
छूट
मांगी,
लेकिन
अधिकारियों
ने
उनके
अनुरोध
पर
विचार
नहीं
किया।
15
लाख
रुपए
का
मुआवजा
मिलना
है
सरकार
ने
उनकी
मृत्यु
के
बाद
भट्ट
के
परिवार
के
लिए
15
लाख
रुपये
के
मुआवजे
की
घोषणा
की
थी।
भारती
भट्ट
ने
कहा,
मेरे
बेटे
ने
कई
बार
कलेक्टर
के
कार्यालय
का
दौरा
किया,
लेकिन
कलेक्टर
से
व्यक्तिगत
रूप
से
मुलाकात
नहीं
कर
सके।
अहमदाबाद
कलेक्टर
विक्रांत
पांडे
ने
कहा
कि
हमें
गुरुवार
को
भुगतान
का
आदेश
मिला
है।
मुआवजा
प्रक्रिया
पूरी
होने
में
डेढ़
महीने
का
समय
लगता
है।
भुगतान
के
आदेश
पहले
ही
पारित
किए
जा
चुके
हैं,
राजकोष
विभाग
औपचारिकताएं
पूरी
करेगा
और
उसके
खाते
में
15
लाख
रुपये
जमा
किए
जाएंगे।