गुजरात: एक साल में दलित अत्याचार के 1545 मामले, सबसे ज्यादा अहमदाबाद में
gujarat News, गांधीनगर। गुजरात में दलित अत्याचार की घटनायें बढ़ रही हैं। पिछले एक साल में 1545 मामले दर्ज किये गये हैं जो 2001 के बाद सबसे अधिक हैं। राइट टू इंफॉर्मेशन एक्ट -आरटीआई- के जरिये दलित अत्याचार के आंकड़े प्राप्त किये गये हैं।
गुजरात में 2018 में दलित अत्याचार की जो घटनायें बनी है उसमे चौंका देने वाली बात यह है कि इसमें एक साल में 22 दलितों की हत्याएं शामिल हैं। दलित महिला पर बलात्कार की 104 घटनायें बनी हैं। आगजनी के सात मामले और अन्य अपराध के 1331 मामले पुलिस में दर्ज किये गये हैं।
आंकड़े बताते हैं कि 2018 में अहमदाबाद में अत्याचार के कुल 140 मामले सामने आये हैं जो पूरे गुजरात में सबसे अधिक है। इन मामलों में पांच हत्याएं, आठ बलात्कार औऱ 127 अन्य अपराध शामिल हैं। अहमदाबाद में दलितों के सामने अपराधों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है।
गुजरात के एक आरटीआई एक्टिविस्ट कौशिक परमार ने गुजरात पुलिस के एसटी-एससी सेल से ये जानकारी मांगी थी। आरटीआई में ऐसी भी जानकारी मिली है कि राज्य के 30 गावों में दलितों पर हमला होने के बाद पुलिस सुरक्षा दी गई है जिनमें से सौराष्ट्र क्षेत्र के 20 गांव ऐसे हैं जहां पुलिस की मौजूदगी है।
दलित अधिकार कार्यकर्ता कौशिक परमार ने कहा कि गुजरात के ये आंकडे सोचनीय है। जब कभी दलित पर अत्याचार होता है तो उसके लिये पुलिस में एफआइआर दर्ज कराना मुश्किल हो जाता है। राजकोट के एक गांव में दलित की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। सरकार ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय खोल रखा है, लेकिन यह मंत्रालय दलितों को न्याय दिलवाने में विफल रहा है।
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