गुजरात: कांग्रेस छोड़ भाजपा में आईं आशा पटेल को झटका, उनके साथी वापस कांग्रेस में चले गए
Gujarat News In Hindi, गांधीनगर। गुजरात के उंझा में कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुईं विधायक आशा पटेल को अपनों से ही झटका लगा है। दरअसल, उनके साथ करीब 500 कांग्रेसी भी भाजपा में शामिल हुए थे, अब उनमें से ज्यादातर कांग्रेस में वापस चले गए हैं। इस घरवापसी से आशा पटेल को निराशा हाथ लगी है। लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले उनका इस तरह भाजपा छोड़ना आशा के लिए झटका है। बता दें कि, आशा के साथ उंझा तालुक पंचायत और उंझा नगर पालिका के सदस्यों के कांग्रेस में लौटने की वजह से कांग्रेस का प्रचार अभियान और जोर पकड़ेगा।
उंझा विधानसभा का उपचुनाव 23 अप्रैल को है। अब भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में गए ये सभी सदस्य कांग्रेस के उम्मीदवार का चुनाव प्रचार कार्य में लग गये हैं। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विधायक आशा पटेल ने विधानसभा के अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी को अपना त्यागपत्र दे दिया था। अध्यक्ष ने त्यागपत्र मंजूर करने के बाद आशा पटेल पूर्व विधायक बन गई थीं। भारतीय चुनाव आयोग ने लोकसभा के साथ उंझा विधानसभा का उपचुनाव तय किया है। मगर, ऐसे में जबकि, आशा पटेल को जब चुनाव अभियान के लिये कार्यकर्ताओं की जरूरत है तब उनके पास कार्यकर्ता नहीं रह गए, क्योंकि वे कार्यकर्ता वापस कांग्रेस में चले गए।
दूसरी ओर भाजपा के पूर्व विधायक नारण पटेल और उनके साथी कार्यकर्ता आशा पटेल को जिताने के मूड में नहीं है। इस माहौल में आशा पटेल की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। हालांकि, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की आशा है। पार्टी से जुड़े सूत्रों का यह भी कहना है उंझा तालुका पंचायत के सभी 13 सदस्य कांग्रेस में शामिल हुए हैं, ताकि तालुका पंचायत में कांग्रेस की सत्ता फिर से आ सके।
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ऊंझा शहर के निगम सदस्य भी कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं, इसलिए आशा पटेल के जीतने की संभावना कम दिख रही है। कांग्रेस के बागी नेता को हराने के लिए कांग्रेस के अलावा, भाजपा के असंतुष्ट कार्यकर्ता भी मैदान में उतरे हैं। भाजपा के स्थानीय नेताओं ने तभी विरोध किया था जब भाजपा ने आशा पटेल को ऊंझा विधानसभा का टिकट दिया था।
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